Auraiya News: औरैया जिले की दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष ने बीजेपी (BJP) से इस्तीफा देकर हाथी (BSP) का साथ पकड़ लिया है. इसके साथ ही बीजेपी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद पोरवाल ने बीजेपी का दामन छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि उन्होंने 30 साल रहकर बीजेपी में संगठन के साथ काम किया और पार्टी में रहकर पार्टी के टिकट पर चुनाव भी जीता, लेकिन चुनाव जीतने के बाद पार्टी के ही एक वर्ग के लोगों ने लगातार षड्यंत्र रचा.
अरविंद पोरवाल ने कहा कि उस षड्यंत्र में उन लोगों के दबाव में पार्टी के जिला नेतृत्व ने कोई स्पष्ट फैसला नहीं लिया. नगर में आज जो भी समस्याएं हैं वह उन्हीं की वजह से हैं. महाराणा प्रताप की जो मूर्ति लग रही थी और उनकी एनओसी लेनी थी उन्हीं लोगों की वजह से नहीं मिल सकी और मूर्ति भी नहीं लगी. जिला नेतृत्व ने कोई भी सहयोग नहीं किया, जितने भी क्षेत्र के विकास के काम है सब में अवरोध पैदा किया गया.
नगर पंचायत अध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष से जब उन नेताओं व बीजेपी के विधायक और सांसद के विकास कार्यों को रोकने और झूठे मुकदमे लिखाने के आरोप के बारे में पूछा तो उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए इतना ही बोला कि नाम बताने की जरूरत नहीं है, यह सभी जानते हैं. हम पर दो फर्जी मुकदमे लगाए गए. उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि उनकी जांच तक नहीं कराई गई. यह पार्टी नेतृत्व ही है जो इसका जवाब दे सकता है. क्या मैं इतना बड़ा अपराधी हूं कि मेरी गिरफ्तारी के लिए पीएससी, एसडीएम, एसओ मेरे लिए आए. पांच-पांच थानों की फोर्स आई. इसके साथ ही 6 दिनों में चार्जशीट भी लगा दी गई.
वहीं दिबियापुर विधानसभा से बीजेपी से पूर्व विधायक (राज्य मंत्री) लाखन सिंह राजपूत से जब नगर पंचायत अध्यक्ष के बसपा में चले जाने को लेकर और बीजेपी में गुटबाजी को लेकर बात पूछी तो उन्होंने दावा किया कि बीजेपी में कोई भी गुटबाजी नहीं चल रही है. अगर गुटबाजी होती तो उत्तर प्रदेश में सरकार नहीं आती. पार्टी मनोयोग से काम कर रही है और जिन लोगों का मतलब भारतीय जनता पार्टी में सिद्ध नहीं हुआ है वह स्वर्थ वादी लोग हैं. इसलिए पार्टी छोड़ने के बाद जिस पत्तल में खाते है उसी में छेद करते हैं.