Auraiya: किसान का कमाल! औरैया में स्ट्रॉबेरी की खेती को बनाया संभव, कमाया लाखों का मुनाफा
Auraiya Farming: उत्तर प्रदेश के एक किसान ने महाराष्ट्र में होने वाली स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर न केवल एक प्रयोग किया है बल्कि इससे मुनाफा कमाते हुए कई लोगों को रोजगार भी दिया है.
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Strawberry Farming: औरैया (Auraiya) जिले में एक किसान ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 'मन की बात' कार्यक्रम में कही गई बात से प्रेरणा लेते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती करनी शुरू की. इस किसान ने छह महीने के भीतर न केवल दोगुने से अधिक मुनाफा कमाया बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर भी दिया. इस किसान ने एक एकड़ जमीन पर करीब पांच लाख की लागत से स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की और छह महीने के भीतर 12 लाख का मुनाफा कमाया. वहीं, जनपद में स्ट्र्रॉबेरी की पहली बार हुई खेती से स्थानीय किसान भी उत्साहित हैं.
औरैया जनपद में अब किसान धान और गेहूं जैसे पारंपरिक फसलों के अलावा नई- नई फसलों की खेती कर रहे हैं. इन फसलों की खेती कर किसान लाखों की कमाई भी कर रहे हैं. भाग्य नगर ब्लाक के ग्राम रानीपुर के रहने वाले किसान राम गोविंद शुक्ला ने भी परंपरागत फसलों को छोड़ नई तरह से खेती शुरू की है. उन्होंने अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी की फसल पैदा करके जनपद भर में धूम मचा दी है. वहीं, इस फसल की पैदावारी से उन्होंने लाखों की कमाई भी की है. स्ट्रॉबेरी की खेती के जरिए उन्होंने 10 लोगों को रोजगार दिया है. संजीव बताते हैं कि उन्हें फसल बेचने के लिए नहीं जाना पड़ता बल्कि मंडी से आढ़ती खुद फसल खरीदने आते हैं.
महाराष्ट्र की खेती को यूपी में बनाया संभव
किसान राम गोविंद शुक्ला के अनुसार, इस फसल की पैदावार के लिए उन्होंने अपने दो बीघे जमीन का इस्तेमाल किया है. सितंबर महीने में स्ट्रॉबेरी फसल की पौध की बेले बाहर से ला करके उन्होंने यहां पर लगाई. पाइप लाइन से बराबर पानी और दवा का छिड़काव करते रहे. मौजूदा समय में प्रतिदिन 1.30 से 2 कुंटल की पैदावार हो रही है. इस स्ट्रॉबेरी को डिब्बों में पैक करके कानपुर नगर के चकरपुर मंडी में भेजते हैं, जहां पर उन्हें अच्छी लागत मिल जाती है. एक किलोग्राम स्ट्रॉबेरी के उन्हें 300 रुपये तक मिल जाते हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती महाराष्ट्र के ठंडे क्षेत्रों में होती है.
जिलाधिकारी किसानों तक पहुंचाएंगे मदद
जिलाधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव किसान की इस पहल से बेहद खुश हैं और उन्होंने भी राम गोविंद के गांव का अपनी टीम के साथ दौरा किया. उन्होंने बताया कि इस प्रकार की फसल के लिए उद्यान विभाग और अन्य मदों के द्वारा लगभग 90 प्रतिशत भुगतान किया जाता है. जिलाधिकारी ने अन्य किसानों से भी इस प्रकार की फसलों को उगाने को कहा है. साथ ही हर संभव मदद की भी बात की है. जिलाधिकारी ने कहा कि वह खेती के लिए दूसरे किसानों को प्रशिक्षण भी दिलाएंगे.
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