Auraiya Flood: यूपी (UP) के औरैया (Auraiya) जिले में करीब एक हफ्ते से लगातार यमुना (Yamuna River) का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे के गांव पूरी तरीके से पानी में समा चुके हैं. इसके बावजूद अभी भी कुछ लोग गांव के अंदर हैं और वहीं रहना चाहते हैं. वह अपने घर को नहीं छोड़ना चाहते हैं. ग्रमीणों ने प्रशासन पर भी आरोप लगाया है कि अधिकारी उन लोगों को राहत सामग्री दे रहे हैं, जहां सूखा है और जिन्हें जरूरत नहीं है. उनका कहना है कि जहां जरूरत है, वहां कोई भी राहत सामग्री नहीं पहुंचाई जा रही है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


अब तक जिले की दो तहसीलों के कई गांव प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार प्रशासन की कोशिश रही है कि ग्रमीणों को गांव से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए. साथ ही उन के खाने-पीने का भी इंतजाम किया जाए, जिसको लेकर जिला प्रशासन की टीम लगातार उन ग्रामीणों को राहत सामग्री पहुंचा रही है. साथ ही हर संभव मदद भी दी जा रही है. जिला प्रशासन ने पहले से ही इंतजाम करते हुए ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया. साथ ही रहने के लिए तंबू भी लगवाए हैं, जहां ग्रामीण रह रहे हैं.


प्रशासन पर लग रहे हैं ये आरोप


गांव के हालात बेहद नाजुक हैं. चारों तरफ गांव में घर डूब चुके हैं. हालात यह है कि लोग घर से बाहर नहीं निकलना चाह रहे हैं और घर में ही रह कर प्रशासन से हर मदद की गुजारिश कर रहे हैं. यहां तक कि कुछ ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि किस तरीके से उन्हें मदद दी जा रही है, जो लोग मदद के लायक नहीं है, जिन्हें हर सुविधा पहले से ही है, लेकिन जिन लोगों को वाकई में मदद की जरूरत है, राहत सामग्री की जरूरत है, उन्हें न ही खाना मिल रहा है और न ही समय पर कोई प्रशासनिक अधिकारी उनसे पूछने आ रहा है.


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यमुना किनारे बसे हुए हैं 15 गांव


औरैया जिले की 2 तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसमें औरैया सदर और अजीतमल तहसील में 15 गांव यमुना किनारे बसे हुए हैं, जो बाढ़ से प्रभावित हैं. अस्ता गांव और सिकरोड़ी गांव यमुना के पानी से बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. इन्हें गांव के बाहर जिला प्रशासन ने बसाया है. हर संभव मदद भी दी जा रही है, लेकिन गांव के अंदर कितनी मदद दी जा रही है, जिसको लेकर गांव के लोगों ने ही अपनी बात को बयां किया.


लोग बोले- हमें नहीं मिल रही मदद


अस्ता गांव के लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से हमें कोई भी मदद नहीं मिली है. हम गांव के अंदर हैं और उनके स्थान पर बने मकानों में रह रहे हैं , लेकिन गांव के नीचे जो पानी भरा हुआ है, जिस कारण हम न कहीं जा सकते हैं और न ही कहीं आ सकते हैं और यही वजह है कि जिला प्रशासन भी हम लोगों की कोई भी मदद नहीं कर रहा है. जिला प्रशासन उन लोगों की मदद कर रहा है, जहां पर सूखे स्थान तो पड़े हुए हैं और वहां पहुंच कर उन लोगों को राशन और जरूरत की चीजें दे रहा है, लेकिन हम लोगों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. हालांकि आज जलस्तर कम होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.


'दिया गया 15 दिन का राशन'


जिला अधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव का कहना है कि औरैया जिले में दो तहसीलें अजीतमल और औरैया सदर जहां पर करीब 15 गांव आते हैं जो बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरीके से मदद कर रहा है. राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. गांव के अंदर भी 15 दिन का राशन दिया गया है, जरूरत पड़ने पर और भी राहत सामग्री और दी जाएगी.


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