Auraiya News: यूपी के औरैया (Auraiya) में कई गांव और कस्बे में डेंगू ने अपने पैर पसार लिए हैं. हालत यह है कि अलग-अलग गांव में एक हफ्ते में भीतर चार मौत हो चुकी है और स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठा है. स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाने से कानपुर, इटावा, लखनऊ के लोग अस्पतालों में भाग रहे हैं. वहीं गांव में हालात यह देखे जा सकते है कि गंदी नालियों में फैला लार्वा और प्रशासन की अनदेखी से गांव में साफ-सफाई नहीं हो रही है और फॉगिंग से गांव में डेंगू फैल रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात की जाए तो यहां पर सीबीसी मशीन ही खराब है. इसके बाद भी मुख्य चिकित्सक अधिकारी भले ही जिम्मेदारी निभाती दिख रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिख रही है.


डेंगू से कई जिले प्रभावित
उत्तर प्रदेश में डेंगू से कई जिले प्रभावित हो चुके है, जिसमें अब औरैया के कई गांव डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. हालात यह है कि हर गांव में करीब 70 से ज्यादा लोग बीमार दिखाई पड़ रहे है. सहयल गांव के साथ अन्य गांव की अगर बात की जाए तो पिछले एक हफ्ते के भीतर चार मौतें हो चुकी हैं और गांव में 50 से ज्यादा लोग बीमार है और घरों में कैद है या फिर कुछ लोग अपना इलाज कानपुर, लखनऊ और इटावा करा रहे है.


औरैया में पहले से ही सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में कमी थी, जहां कई सालों से ब्लड बैंक तो बना दिया गया लेकिन ब्लड के लिए लोगों को कानपुर, इटावा के लिए ही जाना पड़ता है. इसके साथ ही समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की अगर बात की जाए तो इलाज के लिए मरीज़ों को सुविधा के नाम पर भरोसा दिया जा रहा है और यही वजह है कि इलाज न मिल पाने से लोग परेशान है. आयाना स्वास्थ्य केंद्र की अगर बात की जाए तो अस्पताल में सीबीसी मशीन ही खराब पड़ी है जिसकी वजह से लोग प्राइवेट लैब अजीतमत तक दौड़ लगा रहे है.


लगातार हो रही मौतें
वायरल बुखार का प्रकोप और मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को बुखार से ग्रसित बच्ची समेत चार लोगों की मौत हो गई. जिले में अब तक बुखार से सात लोगों की मौत हो चुकी है. शहर के फरीदपुर के साथ ही सहायल, लहरापुर, उपरेंगा, फफूंद में वायरल बुखार से 150 से अधिक लोग बीमार हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों की अगर बात की जाए तो आलम  यह है कि जिले के सहायल और लहरापुर कस्बे के साथ फरीदपुर गांव में घर-घर लोग बुखार में हैं. इन तीन गांवों में 100 से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में हैं.


डेंगू से निपटने के लिए कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिले में डेडीकेटेड अस्पताल खोलने के निर्देश दिए हैं, इसके बावजूद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है. यह बात जरूर है कि कुछ गांव में हालत को बिगड़ता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव गांव पहुच रही है लेकिन गांव में किसी प्रकार का अभियान चलाकर टीकाकरण, प्रभावित इलाकों में कीटनाशक का छिड़काव, फॉगिंग व साफ-सफाई नही कराई जाती है. मुख्य चिकित्सक अधिकारी अर्चना श्रीवास्तव को सहयल गांव में बीमारी का प्रकोप दिखा, तो वह खुद स्वास्थ्य टीम को गांव-गांव जाकर सेम्पल लेने की बात कह रही हैं. इसके साथ ही गांव में फैली गंदगी को साफ करने के लिए कह रही हैं.


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