Auraiya News: औरैया के इस गांव में हाई अलर्ट जारी, ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाने की कवायद शुरू, ये है वजह
UP News: यूपी के औरैया में अस्ता ऐसा गांव है जहां बाढ़ आने पर पूरा गांव टापू बन जाता है, इसको लेकर जिला प्रशासन ने अब ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाने की कवायद शुरू कर दी है.
Auraiya News: औरैया में यमुना किनारे बसे कई गांव को लेकर इस बार पहले से ही प्रशासन हाई अलर्ट पर है. जहां पिछली साल बाढ़ की चपेट में आने से कई गांव आ गए थे. तो वहीं औरैया जिले का एक ऐसा गांव भी था जहां बाढ़ आने पर पूरा गांव टापू बन गया और गांव को छोड़ कर जाना पड़ा था. तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन गांव के लोगो को दूसरी जगह बसाने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए थे. इसी के चलते एक बार फिर प्रशासन ने एक महीने पहले से ही ऊंचाई पर जमीन देखना शुरू कर दिया है जहां ग्रामीणों को बसाने की कवायद भी शुरू होने जा रही है और अस्ता गांव इतिहास बनकर रह जाएगा. लेकिन ग्रामीणों में सबसे बड़ी चिंता और खुशी की बात बनी हुई है चिंता इस बात की है कि जब गांव से पलायन होगा तो रोजगार भी चला जाएगा और खुशी इस बात की है कि बच्चों को शिक्षा मिलने लगेगी.
पिछले साल गांव को छोड़कर जाना पड़ा
औरेया जिले के आयाना थाना क्षेत्र के गांव अस्ता की कहानी सुनने में आपको भी बड़ा अजीब लगेगा जहां गांव में आज लोग आदिवासी की जिंदगी की तरह से जीवन यापन पर रहे है. जहां पेट पालने के लिए ग्रामीण यमुना किनारे सब्जी, मछली पकड़ना और बान बनाने का काम कर रहे है. लेकिन साल 2021 में आई बाढ़ ने सब कुछ खत्म ही कर दिया था, क्योंकि पूरे गांव के लोगों को गांव छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा. जिसके बाद मंत्री विधायकों, समाजसेवियों ने इन लोगो की खूब मदद की और खाने से लेकर कपड़े तक हर सुविधाएं प्रशासन की तरफ से दी गई.
जब मुख्यमंत्री ने बाढ़ को लेकर आसमानी दौरा किया तो जनपद के प्रशासन को भी निर्देश दिए कि गांव के लोगो को सुरक्षित स्थान पर नई जगह भेजा जाए. जिससे वह रह सके और हर साल बाढ़ के आने से गांव छोड़कर न जाना पड़े.एक साल बीत जाने के बाद अब फिर से प्रशासन को मुख्यमंत्री की बात याद आई और गांव के लोगो को फिर से प्रशासन मानसून आने और बाढ़ के आने से पहले दूसरे स्थान पर इन्हें बसाने की तैयारी में लग चुका है.
ग्रामीणों का पलायन कराने की तैयारी
इसे लेकर अधिकारियों ने शासन को प्रस्ताव भी भेजा है और जमीन भी देखी जा चुकी है लेकिन ग्रामीणों को गांव छोड़ने की जितनी खुशी है उतना ही गम भी है. इन ग्रामीणों का मानना है कि गांव के साथ साथ रोजगार को भी छोड़ना पड़ेगा और यह गांव कुछ सालों में जंगल का रूप ले लेगा. कुछ ग्रामीणों का मानना है की अगर प्रशासन गांव छोड़ने के लिए कहता है तो छोड़ देंगे इससे हमारे बच्चों का भविष्य भी सुधरेगा क्योंकि न यहां पर पढ़ाई हो पाती है और न ही हम लोगों का इतना अच्छा रोजगार है.
इस मामले को लेकर एडीएम रेखा चौहान का कहना है कि पिछले साल जो बाढ़ आई उसने सभी रिकार्ड़ तोड़ दिए थे. वहीं आयाना थाना क्षेत्र में एक गांव है अस्ता. वहां जब भी बाढ़ आती है तो वह टापू बन जाता है और जो आबादी का क्षेत्र है वह डूब जाता है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री का दौरा भी हुआ था. यह फारेस्ट रेंज है तो हम लोगों ने प्रपोजल रखा है. एक्सेंज को लेकर ऑनलाइन प्रक्रिया भी की जा चुकी है और प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है. जैसे ही कोई जवाब आता है तो इन लोगो को दूसरे स्थान पर भेज दिया जाएगा.
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