Auraiya News: शासन से लेकर प्रशासन की यही मंशा रहती है कि गांव में पक्की सड़क, बिजली, पानी स्कूलों में अच्छी शिक्षा मिले. इन मूलभूत सेवाओं में किसी तरीके से कोई कमी न दिखाई पड़े जिसको लेकर शासन ग्राम सभाओं में लाखों का बजट सालाना भेजती भी है. फिर भी कई गांव आज भी विकास से कोसो दूर है. औरैया का ऐसा ही एक गांव है जहां एक सड़क तो है लेकिन वह सड़क न ही डामर की है, न ही खड़ंजा की है. यह सड़क न ही ईंटो की बनी है. साथ ही हर रोज इस सड़क से गुजरने के लिए स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. 


क्या है पूरा मामला?
एक तरफ शासन गांव को चमकाने के लिए लाखों का बजट सालाना खर्च करता दिख रहा है लेकिन आज भी कई गांव विकास की राह में इस बात को लेकर बैठे है कि शायद जो 75 सालों में नहीं हुआ वो शायद अबकी बार होगा. क्योंकि बीजेपी शासन ने जिस तरह से गांव का विकास हुआ है वो केवल एक सपना ही था. दरअसल, औरैया (Auraiya) जिले के भगयनगर ब्लॉक के ककुरिया गांव की ऐसी ही कुछ हालत बनी हुई है. जहां एक तरफ गांव में विकास की लहर तो दौड़ी लेकिन गांव में स्कूल जाने के लिए बच्चों और शिक्षकों को उस सड़क और उस रास्ते से हर रोज नए संघर्ष के साथ गुजरना पड़ता है क्योंकि सड़क पर पानी भरा है बच्चे जब इस स्कूल की सड़क से गुजरते है तो हाथो में चप्पल ओर बैग को सर पर लेकर निकलते है. 


खंड विकास अधिकारी ने दिया ये आश्वासन 
कई बार तो यह मासूम बच्चे सड़क में भरे पानी और गड्ढों की वजह से गिर जाते है और चोटिल हो जाते है लेकिन इसके बाबजूद भी न ही सड़क से पानी निकालने की कोशिश ग्राम प्रधान ने की और न ही अधिकारियों ने इसकी कोशिश की. ग्रामीणों का कहना है कि इस बात को लेकर शिकायत कई बार की जा चुकी है लेकिन कोई भी सुनवाई नही हुई है. बच्चों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी इस पानी भरी सड़क का सामना करना पड़ता है. जिससे कई बार तो लोग चोटिल भी हुए है. जब इस पूरे मामले को लेकर खंड विकास अधिकारी से बात की गई तो ज्यादा कुछ न बताते हुए उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और जल्द ही इस का निस्तारण किया जाएगा. 


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