Auraiya News: इन दिनों यमुना नदी (Yamuna River) रौद्र रूप में है, हालात यह है कि यमुना किनारे बसे गांव पूरी तरीके से जलमग्न हो चुके है. लोग परिवार के साथ गांव छोड़ चुके है इस आपदा के बीच औरैया (Auraiya) में एक ऐसी तस्वीर सामने देखने को मिली है जहां एनडीआरएफ की टीम एक गर्भवती महिला के लिए किसी देव दूत से कम साबित नही हुई. सूचना मिलने पर औरेया जिले में तैनात एनडीआरएफ की टीम के जवानों ने तत्काल इटावा के एक गांव में पहुचकर गर्भवती महिला को बोट से गांव के बाहर निकाला और महिला को सुरक्षित स्थान पर लाकर अस्पताल पहुंचाया.


क्या है पूरा मामला?
एक तरफ जहां यमुना का जल स्तर कम होने का नाम नही ले रहा तो दूसरी तरफ लोग बढ़ते जल स्तर को देखते हुए गांव से पलायन करते नज़र आ रहे है. आपदा की तस्वीरों में हर दिन एक न एक नई चुनौतियों का सामना यहां मोजूद हर उन अधिकारियों कर्मचारियों और यहां तक आम जनता को करना पड़ता है.  दरअसल, एनडीआरएफ की टीम को सूचना मिली कि इटावा जिले  के चकरनगर में एक शालनी नाम की गर्भवती महिला दर्द से बेचैन है और गांव में कोई भी सुविधा गांव से शहर जाने के लिए नही है जिससे गभर्वती महिला को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके.


इसकी सूचना औरैया में तैनात एनडीआरएफ के जवानों को लगी तो वह इटावा जिले के भरहे गांव के लिए बोट से निकल दिए जिसके बाद एनडीआरएफ टीम के जवान अपने फर्ज और ड्यूटी का कर्तव्य निभाते हुए दूसरे जिले में जाकर गर्भवती महिला को घर से रेस्क्यू कर औरैया जिले के सिकरोड़ी गांव लाए जहां महिला को औरैया जिले के प्रशासन ने वाहन साधन से अस्पताल भेजा. 


डीएम ने टीम को सराहा 
एनडीआरएफ के जवान जहां महिला के लिए किसी देव दूत साबित हुए तो वहीं इस सराहनीय कारम को देखते हुए आम लोगो मे भी चर्चा बनी हुई है. जिलाधिकारी ने बताया कि इटावा जिले में एक गांव पड़ता है भरेह, जहां एक शालनी नाम की गर्भवती महिला बीमार है और उसे अस्पताल की जरूर है. जिसके बाद समय रहते एनडीआरएफ की टीम मौके पर रेस्क्यू कर गांव से बाहर निकली और उसे समय से अस्पताल पहुंचाया.


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