Auraiya News: औरैया (Auraiya) में मकानों में रहस्मय तरीके से आ रही दरारों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के बाद लोगों ने खुद मकान तोड़ने शुरू कर दिए. जिसके बाद अपर जिलाधिकारी ने खुद औचक निरीक्षण किया. मकान को तोड़ रहे मकान मालिक ने बताया कि यह सब प्रशासन का किया धरा है और हम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. दहशत और डर के कारण लोगो ने घरों को तोड़ना शुरू किया.


जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी मौके पर पहुचे और दरार आ रहे मकानों का निरीक्षण कर उन मकानों की सूची बनाने की बात कही. साथ ही मुआवजे को लेकर कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी, आईआईटी की टीम को भी पत्र लिखा है.


बता दें कि औरैया के मदार दरवाजे में स्थित एक दर्जन मकानों में आई रहस्यमय तरीके से दरार को लेकर नगर पालिका द्वारा मकान खाली कर उनको ध्वस्त करने का दिया था. इससे पहले मकान में आ रही दरार को लेकर जिलाधिकारी ने टीमें गठित की, लेकिन किसी ने भी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को स्पष्ट पेश नहीं की, जिसके बाद जिलाधिकारी ने आईआईटी कानपुर को पत्र लिखा है. इधर मकान में बढ़ रही दरार के बाद  लोगों ने मकानों को खुद ही गिराना शुरू कर दिया.


कानपुर आईआईटी को लिखा गया पत्र
मौके पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ने रहस्यमय तरीके से आ रही मकानों में आई दरार को देखा और वहां के लोगों से बात की. साथ ही उन मकानों की सूची बनाई जिन मकानों में दरारें आई हैं. कुछ लोगों ने मकानों में आई दरार ओर नगर पालिका की दिए गए नोटिस के बाद मकानों को गिराना शुरू कर दिया है. वहीं जिलाधिकारी ने मकानों में आ रही दरार को लेकर इसके पीछे की वजह जानने के लिए अब कानपुर आईआईटी को पत्र लिखा है, जिसकी जांच खुद भू गर्भ वैज्ञानिक करेंगे.


मदार दरवाजे में रह रहे मनोज गुप्ता ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमको नगर पालिका ने मकान गिराने का नोटिस दिया था, जिसको लेकर मकान खुद ही गिरवा रहे हैं कि कभी कोई हादसा न हो जाए. इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन खुद है क्योंकि यहां पाइप लाइन डलवाए गए हैं जिसका खमियाजा हम लोगों को भुगतान पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने जांच की लेकिन रिपोर्ट आज तक नहीं आई कि आखिर किस वजह से यह दरारें आ रही हैं.


अपर जिलाधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि इससे पहले जिलाधिकारी ने तीन टीमें गठित की थी, जिसमें जल निगम पीडब्ल्यूडी नगर पालिका की टीम शामिल थी, लेकिन रिपोर्ट स्पष्ट न होने की वजह से अब जिलाधिकारी ने कानपुर आईआईटी को पत्र लिखा है, इसके साथ ही इन मकान मालिकों को मुआवजा रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई होगी.


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