UP News: औरैया (Auraiya) जनपद में समाज कल्याण विभाग (Social Welfare) के कारनामे के नए-नए खेल देखने को मिल रहे हैं. कहीं जिंदा वृद्ध महिलाओं को मुर्दा घोषित किए हुए हैं तो कहीं वृद्धा पेंशन के लिए कर एक लाभार्थी को दो-दो बार उनके खातों में पेंशन डाली जा रही हैं. इस बात से जान कर भी विभाग अनजान बना हुआ है. यही वजह है कि उच्च अधिकारी इन भ्रष्टाचार और धांधली में लिप्त राजस्व के कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई करने की वजह उन पर पर्दा डालकर मीडिया को केवल जांच का आश्वासन दिया जा रहा है.
क्या है मामला
कुछ दिन पहले ही औरैया जनपद के भाग्य नगर ब्लॉक से समाज कल्याण विभाग का एक कारनामा दिखा. जहां जिंदा लोगों को मृत बताकर उनकी पेंशन को ही रोक दिया गया. वह चारों वृद्ध अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए तीन सालों से दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. यह मामला अभी सुलझा भी नहीं था एक और नया मामला सामने आ गया जो समाज कल्याण से जुड़ा हुआ है. यहां देखा जा सकता है कि किस तरीके से समाज कल्याण में धांधली और भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चल रहा है. अधिकारी इन पर कार्रवाई करने की वजह इन कर्मचारियों को बचाने में लगे हुए हैं.
जांच में सामने आया मामला
समाज कल्याण विभाग के कारनामा हम आपको बताते हैं. जहां किस तरह से वृद्धा पेंशन के नाम पर लोगों को एक खाते में दो बार पेंशन दी जा रही हैं तो किसी लाभार्थी ने एक नाम से दो खातों को खुलवाया, जिसमें लाभार्थियों को विधवा पेंशन दी जा रही है. जब इस मामले को लेकर हमने जांच पड़ताल शुरू की तो एक लिस्ट हाथ में लगी जहां पता चला अजीतमल तहसील में कई ऐसे विधवा महिलाएं हैं जिन्हें एक खाते में दो बार विधवा पेंशन दी जा रही हैं.
अजीतमल का मामला
अजीतमल तहसील क्षेत्र के बाबरपुर कस्बे में रहने वाली वृद्ध महिलाएं अनीता देवी और रामा देवी से बात की तो यह स्पष्ट हो गया. इन महिलाओं को समाज कल्याण की लापरवाही से इनके खातों में दो-दो बार वृद्धा पेंशन दी जा रही हैं. इस मामले को लेकर जो हमने अनीता देवी से बात की. अनीता देवी ने बताया कि हमारे पिछली बार वृद्धा पेंशन अगस्त के महीने में आई थी, मेरे एसबीआई बैंक खाते में. वहीं जब हमने अनीता देवी से बात की कि कहीं आपका और किसी बैंक में खाता तो नहीं है. अनीता देवी ने बताया कि मेरा खाता पूर्वांचल बैंक में भी है, लेकिन उस खाते में मेरा कोई भी लेनदेन नहीं होता है. जबकि अनीता देवी के पूर्वांचल बैंक में भी समाज कल्याण विभाग की तरफ से विधवा पेंशन दी जा रही है. इस मामले को लेकर जब पूरी तहकीकात की तो अनीता देवी ने एक बात और बताई कि हमने दो बार रजिस्ट्रेशन कराया था. हो सकता है कि दो बार रजिस्ट्रेशन की वजह से दूसरे खाते में पेंशन आ रही हो लेकिन हमें इस मामले की जानकारी नहीं है.
दूसरे लाभार्थी ने कबूला
हालांकि इस पूरे मामले को लेकर दूसरे लाभार्थी रामादेवी से भी बात की गई. रामा देवी ने बातों-बातों में कबूला की हमने दो बार की राशि तीन हजार रूपए अकाउंट में उठाई है. इससे साफ जाहिर होता है कि रामा देवी ने विधवा पेंसिल के नाम पर दो बार समाज कल्याण विभाग की तरफ से पेंशन दी जा रही है. रामा देवी ने भी बताया कि हमने भी दो बार रजिस्ट्रेशन कराया था. रामा देवी की बात की जाए तो सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि वह एक ही खाते में रजिस्ट्रेशन कराए हुए हैं. समाज कल्याण विभाग उसी एक पूर्वांचल बैंक के खाते में रुपयों भेजा जा रहा है. ऐसे मे कहीं और भी लाभार्थी ऐसे हैं जिन्हें दो बार विधवा पेंशन दी जा रही हैं. लेकिन हमने लाभार्थियों से बात करनी चाहिए तो वह डर गए और कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. ऐसे में सवाल यह है कि लापरवाही किसकी है. इन लाभार्थियों की या फिर समाज कल्याण में बैठे हुए राजस्व कर्मचारी जो अपनी गलती से इन लोगों को सरकारी लाभ दो बार दे रहे हैं. जिन्हें जरूरत है कि उन्हें एक बार भी इस विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
क्या बोले जिलाधिकारी?
इस मामले को लेकर जब उच्चाधिकारियों से बात करनी चाही तो अधिकारियों ने जांच का भरोसा दिया. लापरवाह और दोषी राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कही. हालांकि इस मामले को लेकर मीडिया के सामने किसी भी अधिकारी ने कोई भी बात नहीं की. मामला बड़ा होने की वजह से नाही तहसील स्तर के अधिकारी कुछ कहना चाह रहे हैं, नाही दफ्तर में बैठे बाबू इस मामले को लेकर किसकी गलती है. बताना भी नहीं चाह रहे हैं. बस जांच का आश्वासन दिए जा रहे हैं जबकि जिंदा होने के बाद अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए वृद्ध महिलाएं बुजुर्ग अभी भी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. अधिकारी दोबरा रजिस्ट्रेशन कराकर पेंशन देने की बात कह रहे है.
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