Kanpur News: कहते हैं कि शौहरत की दहलीज पर पहुंचने के लिए कोई वक्त मुकर्रर नहीं होता, इंसान का एक कदम उसे कब गुमनामी की दहलीज से नाम के बाजार में चर्चित कर दे, कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही एक अनोखा मामला कानपुर में सामने आया है. ऑटो चलने वाले शख्स ने कानपुर के डीएम को पत्र लिख कर गणतंत्र दिवस के दिन इच्छामृत्यु की अनुमति मांग ली. ऑटो चालक की मांग से पूरा प्रशासनिक अमला सकते में आ गया और इच्छामृत्यु की वजह जानने की कोशिश की. पुलिस की प्रताड़ना और खुद के सम्मान को गिरा हुआ देख ऑटो चालक ने 26 जनवरी के दिन गांधी प्रतीमा के सामने खुद की मौत की अनुमति मांगकर सबको हैरान कर दिया.
जिसके बाद कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने ऑटो चालक का मान बढ़ाते हुए उसकी समस्या सुनी और उसे आश्वासन देते हुए उसके समान को बरकरार रखने और उसे भी जायद बढ़ा के लिए उसे जिलाधिकारी के परेड ग्राउंड में होने 26 जनवरी को होने वाले झंडारोह के लिए आमंत्रित कर मुख्य अतिथि बना दिया. इसके लिए ऑटो चालक घर आमंत्रण पत्र भिजवा दिया.
ऑटो चालक को ध्वजा रोहण के लिए किया आमंत्रित
कानपुर के नौबस्ता क्षेत्र के रहने वाले ऑटो चालक राकेश सोनी कुछ दिन पहले यातायात पुलिस की प्रताड़ना और अभद्र व्यवहार के शिकार हुए और आहत भी हुए. जिसके बाद अपने सम्मान को सार्वजनिक गिरते हुए देख उन्होंने कानपुर के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा और इच्छा मृत्यु की मांग की. ऑटो चालक ने पत्र में लिखा कि, "साहब मै पुलिस के व्यवहार और प्रताड़ना से परेशान हूं, मैं गणतंत्र दिवस के दिन इच्छामृत्यु की अनुमति मांगता हूं." डीएम ने ऑटो चालक के सम्मान को वापस दिलाने के लिए शहर के परेड ग्राउंड में ध्वजा रोहण के लिए मुख्यातिथि के तौर पर आमंत्रित किया. 26 जनवरी को कानपुर जिलाधिकारी ऑटो चालक के साथ देश का झंडा फैराएंगे.
ऑटो चालक राकेश सोनी ने बताया कि, जिलाधिकारी का यह कदम उनके लिए ये ऐसा सम्मान है जिसे शायद उन्होंने अपने सपने में भी नहीं सोचा था, जिले के सबसे बड़े अधिकारी ने उनकी बात सुनी, उनकी समस्या को समझा और उन्हें इतने बड़े स्तर का सम्मान का मौका दिया. डीएम के इस कदम को राकेश ने अपने लिए आशीर्वाद बताया कहा कि वो ऐसे अधिकारी की मानसिकता से धन्य हो गए. उनके लिए ये कदम उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सम्मान साबित हुआ है.
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