नई दिल्ली, एबीपी गंगा। 1 फरवरी यानी शनिवार को आम बजट पेश होने जा रहा है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करेंगी। इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें ऑटो सेक्टर को है। ऑटो सेक्टर पिछले कुछ समय से बुरे दौर से गुजर रहा है। बीते साल वाहनों की बिक्री पिछले दो दशक में सबसे कम रही। खास बात है कि देश के जीडीपी में 7.1%, मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में 49% योगदान है। जीएसटी कलेक्शन में 15% हिस्सेदारी है। लिहाजा ऑटो सेक्टर ने सरकार से वित्तीय उपायों को बढ़ाने की जरूरी मांग की है।


इन मांगों में बीएस-6 मानक के असर से निपटने के लिए वाहनों पर जीएसटी रेट 28% से घटाकर 18% करने, इंसेटिव आधारित स्क्रैपेज पॉलिसी लाने, लिथियम ऑयन बैटरी पर इम्पोर्ट ड्यूटी खत्म करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की मांग शामिल है।


कहा जा रहा है कि बीएस-6 से वाहनों की लागत 8-10% बढ़ जाएगी जबकि इन पर जीएसटी रेट 28% है। इसमें रजिस्ट्रेशन चार्ज, सरचार्ज और रोड टैक्स आदि को भी मिला दें, तो ग्राहक को वाहन खरीदने पर 40-45% के बीच टैक्स अदा करना होगा। वाहनों के दाम बढ़ने से उनकी मांग घटेगी। ऐसे में ऑटो सेक्टर ने बीएस-6 मानक वाले वाहनों और इनके पार्ट्स पर जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% करने की मांग की है।


इसके अलावा ऑटो सेक्टर ने एल-आई बैटरी सेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी खत्म करने की भी मांग की है। बतादें कि अभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिथियम ऑयन (एल-आई) बैटरी सेल पर 5% इम्पोर्ट ड्यूटी लग रही है। एल-आई बैटरी सेल पर आयात शुल्क खत्म कर देना चाहिए।