UP News: ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग के जलाभिषेक पर अड़े अविमुक्तेश्वरानंद - प्रशासन ने नहीं दी है इजाजत
ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग के जलाभिषेक को लेकर हलचल तेज हो गई है. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि वह ज्ञानवापी जाकर कथित शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे.
Varanasi News: वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanwapi) में कथित शिवलिंग के जलाभिषेक को लेकर हलचल तेज हो गई है. इसे लेकर अभीतक प्रशासन से इजाजत नहीं मिली है लेकिन हिंदू संगठन जलाभिषेक पर अड़े हुए है. वहीं कथित शिवलिंग के जलाभिषेक को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद (Avimukteshwaranand) अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि वह ज्ञानवापी जाकर कथित शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे.
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन उन्हें पूजा करने से रोकता है तो वह शंकराचार्य को इस से अवगत कराएंगे और उसके बाद शंकराचार्य जो निर्णय लेंगे वह अमल किया जाएगा. उन्होंने मीडिया से वाराणसी में बात करते हुए कहा कि धर्म के मामले में धर्माचार्य का फैसला अंतिम होता है.
जालभिषेक के लिए 71 संत होंगे शामिल
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के दावे के मुताबिक आज सुबह 8.30 बजे साधु संतो की टोली ज्ञानवापी की तरफ बढ़ेगी. टोली में कई साधु संतों के शामिल होने की उम्मीद है. 64 प्रकार की थाली सजाकर 64 तरीकों का अभिषेक किए जाने की तैयारी है. जानकारी के मुताबिक जलाभिषेक में 71 संत शामिल होंगे.
वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशासन द्वारा रोके जाने के सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम प्रशासन का सहयोग करते हैं. जनता के सहयोग के लिए ही सरकारें स्थापित हैं. प्रशासन इस मामले में जो भी कहेगा या करेगा उससे शंकराचार्य जी को अवगत कराया जाएगा. उसके बाद वे जो निर्णय लेंगे उसके अनुरूप कार्य किया जाएगा.
प्रशासन ने नहीं दी है जलाभिषेक की इजाजत
वहीं वाराणसी प्रशासन ने अविमुक्तेश्वरानंद को जलाभिषेक करने की इजाजत नहीं है. प्रशासन ने साफ कर दिया है किकोई कानून का उल्लघंन हुआ या शांति भंग करने की कोशिश की जाएगी तो दोषियों के खइलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी कर सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था और हिंदू पक्ष ने इस दौरान एक शिवलिंग मिलने का दावा किया था. हालांकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह वस्तु वजूखाना में मौजूद फव्वारे का हिस्सा है. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर अगली सुनवाई चार जुलाई को होनी है.
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