Arvind Kejriwal Ayodhya Visit: उत्तर प्रदेश में चुनाव को देखते हुए चुनावी सरगर्मियां तेज हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से वोटरों को लुभाने के लिए तैयार हैं. लिहाजा राजनीतिक दल हिंदुत्व, टीका मंदिर करते नजर आ रहे हैं. राम लला का भव्य मंदिर बनना शुरू हुआ, अब सभी राजनीतिक दल भगवान के शरण में हैं. शायद यही वजह है कि, बीते दिनों बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत रामलला के दर्शन के साथ शुरू हुई. प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र के विधायक राजा भैया ने अपने राजनीतिक दल के चुनावी समर की तैयारी रामलला का दर्शन करके शुरू किया.


अयोध्या आ रहे हैं केजरीवाल 


बीते दिनों दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी रामलला के दरबार में अर्जी लगा चुके हैं. वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रामलला की शरण में हैं. मंगलवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री आयोध्या पहुंचेंगे और पहुंचते ही सरयू आरती में भाग लेंगे. रात्रि विश्राम भी अरविंद केजरीवाल अयोध्या में ही करेंगे. रामलला और हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे. जाहिर सी बात है कि, उत्तर प्रदेश के चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी अपनी जमीन मजबूत करना चाहती है. इन सबके बीच अयोध्या के संतों की प्रतिक्रिया सामने आई है.


केजरीवाल को एक्सीडेंटल हिंदू कहा


हनुमानगढ़ी के संत राजू दास अरविंद केजरीवाल को केजरी चाचा शब्द से संबोधित किया और कहा कि इन्होंने राम के अस्तित्व को हमेशा नकारा है. ये एक्सीडेंटल हिंदू हैं, जो चुनाव आते ही तिलक और अपना कालनेमि स्वरूप दिखाने लगते हैं. संत समाज ने कहा कि, प्रधानमंत्री की देन है कि आज हर कोई अयोध्या आ रहा है. सभी राजनेता अपना अस्तित्व बचाने के लिए हम हिंदू हैं हम हिंदू हैं का राग अलाप रहे हैं, जो आज तक भगवान राम का विरोध करते थे. इनकी राजनीति का मुख्य केंद्र भगवान के विरोध में रहती थी, उनके आने जाने का कोई मतलब नहीं है. संत समाज ने कहा कि, रामलला के दर्शन के बाद उनको एक ग्रंथ मिलेगा जिसको ले जाकर वह पड़े हैं, उनको शांति प्रदान होगी यह काल नेमी लोग हैं.


पहले कोई नहीं आया था अयोध्या


रामा ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्कि राम ने कहा कि, पूरा संत समाज जानता है आज के पहले अयोध्या कोई नहीं आता था. आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की देन है, पूरा भारत जितने भी राजनेता हैं सब इस होड़ में हैं कि, हम हिंदू हैं, हम हिंदू हैं. अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहे हैं और आपको बता दें, जो लोग आज तक भगवान राम का विरोध करते रहे, इनकी राजनीति का मुख्य केंद्र भगवान राम के विरोध में टिकी रही, अब उनके आने जाने का कोई मतलब नहीं है. जब आएंगे रामलला का दर्शन करेंगे, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के मंदिर में उनको एक ग्रंथ मिलेगा उसको ले जाएं पढ़ें, शांति प्रदान होगा, इनके आने का कोई मतलब नहीं है यह कालनेमि लोग हैं.



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