Ayodhya News: भारतीय किसान यूनियन व खाप पंचायतों ने पहलवानों के समर्थन में दिल्ली में बड़े आंदोलन की घोषणा कर सरकार की परेशानी बढ़ा रखी है, इस बीच अयोध्या में बीकेयू के सदस्यों ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. बीकेयू ने अयोध्या से बिहारी साधु संतों को बाहर निकाल कर स्थानीय ब्राह्मणों को मंदिरों की कमान सौंपने की मांग की है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम शर्मा ने कहा कि जान बचाकर बाहर से भागकर अयोध्या आए साधु का भेष धारण करने वाले कभी संत नहीं हो सकते. 


दरअसल ये पूरा मामला अयोध्या की तपस्वी छावनी के साधु आचार्य परमहंस के उस बयान के बाद भड़का है, जिसमें परमहंस ने भाकियू को लेकर अभद्र टिप्पणी की है. भाकियू ने परमहंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है. किन्तु प्रशासन ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जिसके विरोध में भाकियू के सदस्य 21 दिन से सदर तहसील के तिकोनिया पार्क में धरना दे रहे हैं. धरने के दौरान सचिव घनश्याम शर्मा ने बिहारी साधुओं को अयोध्या से निकालने का बयान जारी किया गया है. 


भाकियू ने अयोध्या में की नई मांग


भाकियू के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम शर्मा ने कहा कि जान बचाने के उद्देश्य से बाहर से भाग कर अयोध्या आए और साधु भेषधारण करने वाले व्यक्ति कभी संत नहीं हो सकते और न ही उनकी सोच देश व समाज के हित में होगी. बिहारी साधुओं को अयोध्या से बाहर करके जनपद के ब्राह्मणों व पुजारियों को मंदिरों की कमान सौंपी जानी चाहिए. 


घनश्याम शर्मा ने कहा, 25 मई से हमारा यहां धरना चल रहा है. 28 मई को यहां महंत परमहंस दास आते हैं और हमारे कार्यकर्ताओं और राकेश टिकैत को अपशब्द कहते हैं. टिकैत, दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़कर किसानों की सेवा कर रहे हैं, उनके पिता महेंद्र चौधरी किसानों के लिए कई बार जेल गए हैं. अयोध्या में जो साधु संत हैं और इनकी अगर पृष्ठभूमि को देख ली जाए तो कई साधु संत बिहार से भागकर यहां पर बसे हैं और बिहार से उनको भागना क्योंकि बिहार में उन्होंने ऐसे दुष्ट काम किए जिससे उनकी जान नहीं बच रही थी. 


बिहारी साधुओं को बाहर करने की मांग


भाकियू सचिव ने कहा, अयोध्या में जो बिहारी साधु हैं जो यहां साधु का भेष धारण किए हैं उनको अयोध्या से निकाला जाए. अयोध्या में तमाम ऐसे ब्राह्मण और संत हैं उन्हें यहां स्थापित किया जाए. अगर मांग नहीं पूरी होती है तो हम आंदोलन करेंगे. ये देश किसान का हैं, मंदिरों को चलाने के लिए अनाज देता है, पैसे देता है, सुचारू रूप से चलता है. 


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