नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अयोध्या विवाद मामले में आखिरी सुनवाई खत्म हो चुकी है। मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच में बुधवार को अयोध्या विवाद पर अंतिम सुनवाई हुई। सुनवाई को दौरान पहले हिंदू और फिर मुस्लिम पक्ष देश ने अपनी दलीलें रखीं। माना जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले अयोध्या मसले पर कोर्ट फैसला भी सुना सकती है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ कर दिया है कि अब इस मामले में किसी पक्ष को और वक्त नहीं दिया जा सकता है।


अयोध्या विवाद पर संभावित फैसले से पहले यूपी में हलचल तेज हो गई है। अयोध्या में जहां 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू है वहीं, राज्य सरकार ने सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक रद कर दी हैं। सरकार ने अपने आदेश में सभी अफसरों को अपने-अपने मुख्यालय में बने रहने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के जारी आदेश में छुट्टी रद्द करने का कारण त्योहार बताया गया है लेकिन माना जा रहा है कि अगले महीने अयोध्या पर संभावित फैसले से पहले सरकार ने यह कदम उठाया है।



बता दें कि अयोध्या केस में बुधवार को आखिरी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में गहमागहमी देखने को मिली। 5 जजों की संविधान पीठ के सामने मुस्लिम पक्षकार के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अयोध्या से संबंधित एक नक्शा ही फाड़ दिया। दरअसल, हिंदू पक्षकार के वकील विकास सिंह ने एक किताब का जिक्र करते हुए नक्शा दिखाया था। नक्शा फाड़ने के बाद हिंदू महासभा के वकील और धवन में तीखी बहस हो गई। इससे नाराज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा था जज उठकर चले जाएंगे।