नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अयोध्या भूमि मामले की रोजाना सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। कोर्ट इस मामले की 6 अगस्त से नियमित सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकला है। 


बता दें कि इस सुनवाई से पहले गुरुवार को  मध्यस्थता कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में  सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। जिसके बाद कोर्ट ने आज (2 अगस्त) फैसला सुनाया कि अब से इस मामले की नियमित सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि हर हफ्ते के तीन दिन मामले की सुनवाई होगी। मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को मामले की सुनवाई होगी, जबकि सोमवार, शुक्रवार को नए मामले सुने जाएंगे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं होगी, सुनवाई होती रहेगी।



दरअसल, कुछ पक्षकारों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि अयोध्या मामले में बातचीत के जरिए हल निकालने की हो रही कोशिश में सही तरक्की नहीं हो रही है। इसको आगे बढ़ाना सिर्फ समय की बर्बादी है, इसलिए मध्यस्थता प्रक्रिया बंद कर दोबारा सुनवाई शुरू की जाए।


पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कमिटी को 31 जुलाई तक काम करने और 1 अगस्त को रिपोर्ट देने को आदेश दिया था। कमिटी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है, जिसके बाद आज दोपहर 2 बजे कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि क्या अयोध्या मामले में मध्यस्थता बंद कर नियमित सुनवाई शुरू कर दी जाए। अगर कोर्ट सुनवाई शुरू करने की बात कहता है, तो उसकी रूपरेखा भी तय कर सकता है। 


मध्यस्थता कमिटी के गठन से लेकर अबतक....




  • सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अयोध्या मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति बनाई थी।

  • 10 मई को सुनवाई के दौरान अदालत ने मध्यस्थों को 15 अगस्त तक मध्यस्थता पूरी करने का निर्देश दिया था।

  • मध्यस्थता के लिए गठित समिति में जस्टिस कलीफुल्ला के अलावा आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू सदस्य बनाए गए।

  • 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षकार गोपाल विशारद की जल्द सुनवाई की मांग पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यस्थता समिति को 25 जुलाई तक रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

  • 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक नहीं निकला, तो 2 अगस्त को मामले की रोजाना सुनवाई पर विचार किया जाएगा।

  • 1 अगस्त को मध्यस्थता समिति ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी।

  • इस मामले की सुनवाई सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक बेंच द्वारा की जा रही है। जिसके जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस एस. ए. नजीर सदस्य है।


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