Ayodhya: अयोध्या में जमीन पर अवैध कब्जा, लिस्ट में बीजेपी विधायक और मेयर के नाम शामिल
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 40 कॉलोनियों को अवैध घोषित किया है, इसमें वर्तमान बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और मेयर के अलावा पूर्व बीजेपी विधायक गोरखनाथ बाबा का भी नाम है.
UP News: अयोध्या में सरयू के करीब वाले क्षेत्रो मांझा जमथरा से लेकर गोलाघाट तक जिन लोगों ने डूब क्षेत्र में निर्माण किए हैं, विकास प्राधिकरण उन सभी को ध्वस्त कर रहा है. यही नहीं जमीन का अवैध कारोबार करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों को भी चिंहित कर लिया गया है. अयोध्या विकास प्राधिकरण ने इस क्षेत्र की 40 कॉलोनियों को अवैध घोषित करते हुए ना सिर्फ ध्वस्त करने की बात कह दी, बल्कि 40 ऐसे लोगों के नाम जारी कर दिए जो जमीन की खरीद बिक्री के अवैध कारोबार में लिप्त हैं. सूत्रों की माने तो माझा जमथरा से गोलाघाट अयोध्या तक के क्षेत्र में कई बड़े नेताओं और अफसरों से लेकर सफेदपोशों तक ने बड़ी-बड़ी जमीनें खरीद रखी है. अब ऐसे में अयोध्या विकास प्राधिकरण का यह पत्र किसी भूचाल से कम नहीं है.
बीजेपी विधायक का नाम
इस लिस्ट में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लाखों की जमीन करोड़ों में बेचने के मामले में चर्चित हुए सुल्तान अंसारी और उनके पिता नन्हे मियां के साथ कई बड़े नाम शामिल हैं. इसमें अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या के बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और मिल्कीपुर विधानसभा के पूर्व बीजेपी विधायक गोरखनाथ बाबा के नाम भी शामिल हैं. शनिवार की देर शाम अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी की गई. इस लिस्ट से हड़कंप मचना तय है.
बीजेपी सांसद की मांग
इसको लेकर विपक्षी पार्टियां बीजेपी को जरूर कटघरे में खड़ा करेंगे. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अपने पहले और दूसरे दोनों कार्य कालों में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या आए हैं. उनके साथ घूमने वाले बीजेपी के बड़े चेहरे कटघरे में हैं. इसके पहले अयोध्या के बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने भी मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर अधिकारियों और भू-माफियाओं के बीच बड़े गठजोड़ की बात कही थी. इसके लिए एसआईटी बनाकर जांच करने की मांग की थी. वहीं समाजवादी पार्टी भी अयोध्या में लगातार इस मामले को लेकर आवाज उठाती रही है. ऐसे में अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी हुआ पत्र विपक्ष के हाथ में किसी हथियार से कम नहीं होगा.
क्या बोले नगर आयुक्त?
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त विशाल सिंह का इस मामला में बयान आया है. उन्होंने कहा है कि रजिस्ट्री होना और खारिज दाखिल होना, यह रिवेन्यू डिपार्टमेंट की रेगुलर प्रक्रिया है. लेकिन जिस स्थान पर विकास प्राधिकरण नाम बनाया जाता है, विकास प्राधिकरण के द्वारा जो बाइलॉज है बिल्डिंग बाइलॉज है. उनको जब अंकित कर लिया जाता है और एक नोटिफिकेशन जारी हो जाता है. इसका प्रयास यही होता है, सुनियोजित विकास हो. आप सब जानते हैं, अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जाना है.
हम किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण और किसी भी प्रकार की अवैध कॉलोनी बनने से रोकेंगे. इसी दिशा में जो माझा जमथरा जिसकी आप ने बात की, वह एक डूब क्षेत्र है. अभी वहां पर परिक्रमा मार्ग से लेकर सरयू तक बीच का जो क्षेत्र है, उसको लेकर हमारा मास्टर प्लान डिवेलप हुआ है. मास्टर प्लान मे भी उसको पार्क के रूप में चिन्हित किया गया है. साथ ही इसमें हमने इसके पूरे रिकॉर्ड चेक कराएं हैं. इसमें हमारे अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा इस चित्र में एक भी नक्शा पास नहीं किया. नक्शा पास नहीं किया गया है और किसी भी प्रकार से उनको इस बारे में हम लोगों ने हमेशा सचेत ही किया है.
अवैध कॉलोनियों पर एक्शन की तैयारी
नगर आयुक्त ने कहा कि बार-बार मैंने बोर्ड लगाए हैं कि यह डूब क्षेत्र है. यहां पर किसी भी प्रकार का मकान बनाना या निर्माण कराना परमिटेड नहीं है. लेकिन तब भी लोग खेती की जमीन खरीदते हैं. छोटे-छोटे टुकड़े में खरीदते हैं. अनाधिकृत प्रॉपर्टी डीलर वह उन को बेवकूफ बनाकर और वहां पर बेच कर चले जाते हैं. पहले वह घर बना लेते हैं फिर डिमांड करते हैं कि हमारे यहां सड़क हो जानी चाहिए फिर डिमांड करते हैं. हमारे यहां पानी लग रहा है, यहां नाली होनी चाहिए. कुल मिलाकर उल्टा प्रोसेस चलाते हैं तो अब कोशिश यह है कि अयोध्या में उल्टी गंगा बहे और हम लोग कोशिश करें. वहां पर एक सुनियोजित विकास की परिकल्पना उसको मूर्त रूप दे. इस तरह की जितनी भी अवैध कालोनियां हैं, वर्तमान में 40 कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं. हम बारी-बारी से करके डिमोलिशन की कार्रवाई कर रहे हैं.
पूर्व विधायक का आरोप
अयोध्या के वहीं पूर्व विधायक तेज नारायण उर्फ पवन पांडे ने कहा है कि यह भू-माफिया और योगी सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत है. कैसे हुआ यह, कौन दोषी है, उन सारे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर डूब क्षेत्र था तो रजिस्ट्री कैसे हुई और दाखिल खारिज कैसे हुआ. डूब क्षेत्र में मकान कैसे बनाएं और नक्शा कैसे बना. मकान बनाने की इजाजत कैसे सरकार ने दी. उन सारे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तो वहां बंधा बांधा बन गया था. बंधा बनने के बाद वहां पर डूब क्षेत्र का बॉर्डर लगा दिया है. विकास प्राधिकरण वहां आज तक पानी नहीं आया. जो अधिकारी दोषी हैं, जो भू-माफिया दोषी हैं, उस पर कार्रवाई करिए.
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