Ayodhya News: प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सुर्खियों में बनी हुई है. कभी सड़के धसने को लेकर तो कभी राम मंदिर की छत से पानी के टपकने को लेकर तो कभी विद्युत पोल गिरने में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण चर्चाओं में रही है. विद्युत पोल गिरने के पर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में अयोध्या मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने सफाई दी है. गिरीश पति त्रिपाठी ने अखिलेश यादव को अयोध्या आने दर्शन करने और विकास कार्यों को देखने के साथ ही 2017 की तस्वीर से अब की विकास की तस्वीर को मिलाने की चौनौती दी है.


दरअसल, यह पूरा मामला अयोध्या धाम के अलग-अलग वार्डों में लगाए जा रहे स्ट्रीटलाइट पोल का है. अयोध्या धाम की गलियों को सुंदर बनाने के लिए फैंसी स्ट्रीटलाइट पोल लगाए जा रहे है. अयोध्या धाम के 15 वार्ड में 7186.65 लाख की लागत में 3652 डेकोरेटिव पोल हेरिटेज लाइट लगाई जाएगी. इसके लिए तीन कंपनियों मेसर्स मार्फिन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को 2028, मेसर्स स्नेल एनर्जी एक्यूपमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 930 और मेसर्स ओरियंटल इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड को 694 इलेक्ट्रिक पोल लगाने का कार्यादेश जारी किया गया. जिसमे से दो फर्मों ने 90 प्रतिशत और एक फर्म ने 60 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. 


मेयर गिरीशपति त्रिपाठी ने अखिलेश के ट्वीट का दिया जवाब
इस बीच पोल लगाने के लिए इन कंपनियों ने सड़क पर जो गड्ढे खोदे उसको ढंग से भरा भी नही जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो गई. वही कुछ खंभे और कुछ खंभों पर लगी लाइटें टूट गई. इसको लेकर भाजपा के तीन और सपा के एक पार्षद ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौप कर शिकायत की थी. अब इसी मामले को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. अखिलेश यादव के ट्वीट से राजनीति गरमा गई है.


अयोध्या नगर निगम के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने माना कि 12 खंबे टूट गए हैं और 114 खंभों पर लगी लाइटे भी टूट गई है हालांकि वह कहते हैं कि बंदरों के हिलाने के कारण यह सब कुछ हुआ है और अगले 5 वर्षों के लिए फ्री मरम्मत का एग्रीमेंट भी हुआ है लिहाजा जो भी खराबी होगी या टूटेगा उसको स्ट्रीट पोल लगाने वाली कंपनियां ही ठीक करेंगी.


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