Ayodhya News: देश के चुनिंदा मूर्तिकार रामलला के लिए बना रहे डेमो मूर्तियां, सेलेक्शन के बाद ही शुरू होगा काम
UP News: तमाम मूर्तिकार रामलला की प्रतिमा बना रहे हैं और वह प्रतिमा बनाने के बाद ट्रस्ट के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं. ट्रस्ट को जो प्रतिमा अच्छी लगेगी उन्हीं को प्रतिमा बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी.
Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में रामलला मंदिर में प्रतिमा स्थापित की जानी है. रामलला की प्रतिमा बनाने के लिए अभी हाल ही में मूर्तिकारों की एक बैठक की गई थी और उस बैठक में तमाम मूर्तिकारों और चित्रकारों ने अपनी-अपनी कला को ट्रस्ट के सामने प्रदर्शित किया था. मूर्तिकार अपना-अपना मॉडल ट्रस्ट के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं. इसको लेकर जयपुर के मूर्तिकार रामलला की प्रतिमा बना कर लाए थे और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को दिखाया भी है. यह प्रतिमा अभी कारसेवक पुरम में रखी गई है और भव्य मंदिर के लिए अलग-अलग मूर्तिकार मूर्ति तैयार कर रहे हैं.
तमाम मूर्तिकार रामलला की प्रतिमा बना रहे हैं और वह प्रतिमा बनाने के बाद ट्रस्ट के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं. ट्रस्ट को जो प्रतिमा अच्छी लगेगी उन्हीं कलाकारों को रामलला की प्रतिमा बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी, अभी जो प्रतिमा बनाई जा रही है. देशभर के चुनिंदा मूर्तिकार अपने-अपने मॉडल श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप रहे हैं. अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति नव निर्माणाधीन भव्य मंदिर में रहेगी लेकिन इनके साथ रामलला की एक दिव्य मूर्ति भी होगी जो 35 फुट दूर से दर्शनार्थियों को स्पष्ट दिखाई दे.
30 से 35 फीट की दूरी से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
बाल रामलला की मूर्ति इस तरह तैयार की जा रही है कि मूर्ति के माथे पर रामनवमी के दिन सीधे सूर्य की किरणें पड़े इसलिए रामलला के मूर्ति की ऊंचाई लगभग 5 फीट के आसपास होगी. इसके लिए भी दो तरह की मूर्ति का प्रस्ताव आया है एक धनुष लिए बैठे रामलला की और दूसरी बाल रामलला के खड़े स्वरूप की. जयपुर मूर्तिकार रवि रामरतन मिश्र ने कहा कि मैंने रामलला का एक मॉडल बनाकर दिया है. ट्रस्ट का कहना है कि हम चार से पांच मूर्ति कलाकारों को बुलाकर आपस में कंपटीशन करवाएंगे और जिनका काम अच्छा होगा उसी को कार्य मिलेगा. अभी तक पांच मूर्ति कलाकार आए हैं और बाकी आ रहे हैं. यहीं पर मूर्तियां बनानी पड़ेगी उसके पहले मॉडल बनेंगे.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि विद्वानों का सुझाव यह है कि दर्शक की आंख और भगवान की आंख एक लाइन में होनी चाहिए क्योंकि दर्शक 30 से 35 फुट की दूरी से रामलला का दर्शन करेगा. आज यह विचार आया कि 5 से 6 साल की आयु का बालक रामलला तो खड़ा हो सकता है इसलिए खड़ी हुई मूर्ति पर भी विचार हुआ. ज्यादातर मूर्तिकारों का सुझाव खड़ी मूर्ति पर था, लेकिन अभी छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनकर आएंगी.
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