Ayodhya News: हनुमानगढ़ी के देसी घी से बने लड्डू को मिलेगी दुनिया में पहचान, GI टैग दिलाने की प्रक्रिया पूरी
Varanasi News: हनुमानगढ़ी में भगवान को चढ़ाने वाले लड्डू बेहद प्रसिद्ध है और अब इसी देशी घी के लड्डू को विश्व में पहचान मिलने वाली हैं.
Varanasi News: रामनगरी अयोध्या इन दिनों देश के साथ विदेशों में में खूब चर्चा हो रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर न केवल अयोध्या में धूमधाम से तैयारी चल रही है बल्कि देश के भी अलग-अलग हिस्सों से प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर भव्य रूप में दीपोत्सव सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम को मनाने की तैयारी चल रही है. इसी कड़ी में अयोध्या से एक ऐसी खबर आई है जो मिठाई विक्रेताओं का उत्साह बढ़ाने वाली हैं. अयोध्या के हनुमानगढ़ी में बनने वाले देसी घी के लड्डू को अब जीआई टैग दिलवाने की आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
किसी भी शहर में बनने वाले विशेष प्रकार के उत्पाद जिसकी पहचान को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हम GI (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन ) के नाम से जानते हैं. उत्पाद पर GI टैग लगने से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे गुणवत्ता युक्त माना जाता है. वहीं अयोध्या में मान्यता है कि रामलला के दर्शन के साथ-साथ हनुमानगढ़ी स्थित बजरंगबली के दर्शन करने से सभी मनोकामनाओं की प्राप्ति होती है. इसीलिए भारी संख्या में श्रद्धालु हनुमानगढ़ी भी पहुंचते हैं. इस दौरान हनुमान जी को तुलसी, गेंदे की माला के साथ-साथ देसी घी के शुद्ध लड्डू भी प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं.
हनुमानगढ़ी में भगवान को चढ़ाने वाले लड्डू बेहद प्रसिद्ध है और अब इसी देशी घी के लड्डू को विश्व में पहचान मिलने वाली हैं. इसके लिए पिछले काफ़ी समय से कोशिशें की जा रहीं थी और अब इसकी प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. काशी के रहने वाले पद्मश्री डॉ रजनीकांत इसके लिए काफ़ी प्रयासरत हैं.
GI टैग के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी
GI टैग के लिए आवेदन करने वाले काशी के निवासी पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने कहा कि ये अत्यंत हर्ष का विषय है कि जहां एक तरफ रामलला 22 जनवरी को अयोध्या में अपनी जन्मभूमि पर विराजेंगे. दूसरी तरफ प्रभु राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले हनुमानगढ़ी के लड्डू को अब कुछ ही महीनों में GI टैग मिलने जा रहा है. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया है. आवेदन कागजात को ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन की पूरी टीम के सहयोग से पूर्ण किया गया है. चेन्नई के GI रजिस्ट्री द्वारा 8 जनवरी को इस आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है.
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