UP News: अयोध्या में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही आस्था और भक्ति की एक नई अनुभूति होगी. क्योंकि शहर के प्रवेश द्वारों पर रामायण के पात्रों के नाम पर विशाल द्वार बनने जा रहा है. अयोध्या के जिलाधिकरी नीतीश कुमार ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर के रूप में विकसित करने के लिए राम नगरी के पौराणिक स्वरूप को पुनर्स्थापित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि तेज गति से भव्य राम मंदिर बनने के बीच अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आमद में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.


मार्गों के नाम इस प्रकार होंगे


जिलाधिकारी नीतिश कुमार ने बताया कि लखनऊ, गोरखपुर, रायबरेली, गोंडा, प्रयागराज, वाराणसी से आने वाले श्रद्धालु रामायण के पात्रों के नाम पर बने विशाल प्रवेश द्वार से अयोध्या में प्रवेश कर सकेंगे. इस तरह वे प्रवेश द्वार से ही रामायण की आस्था को महसूस कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि इन प्रवेश द्वारों के नाम लखनऊ मार्ग पर श्रीराम द्वार, गोरखपुर मार्ग पर हनुमान द्वार, इलाहाबाद मार्ग पर भारत द्वार, गोंडा मार्ग पर लक्ष्मण द्वार, वाराणसी मार्ग पर जटायु द्वार और रायबरेली मार्ग पर गरुड़ द्वार होंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि हर प्रवेश द्वार पर भक्तों के लिए बड़े पार्किंग क्षेत्र, शौचालय, रेस्तरां, होटल सहित विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी.


अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का लगभग आधा काम पूर्ण हो चुका है.अगली मकर संक्रांति तक गर्भगृह में प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी. वहां उगते सूरज की किरणें मूर्ति के मस्तक पर पड़ेंगी. निर्माण प्रक्रिया में शामिल इंजीनीयरों के मुताबिक अगले साल जनवरी तक गर्भगृह का काम पूरा हो जाएगा. राम मंदिर निर्माण कार्य के परियोजना प्रबंधक जगदीश आफले ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में दो वास्तुकार सीबी सोमपुरा और जय कार्तिक शामिल हैं. न्होंने बताया कि जनवरी 2024 तक भूतल का काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन शीर्ष पर पहुंचने में अभी कम से कम पांच महीने और लगेंगे.


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