अयोध्या में बाढ़ का खतरा तो टल गया है लेकिन कटान की जद में आने को लेकर नदियों के किनारे बसे गांव के लोग काफी परेशान हैं. दरअसल पानी का बहाव बढ़ने के साथ जलस्तर बढ़ गया था जिससे सब कुछ डूब जाने का खतरा बना हुआ था लेकिन ये समस्या टली तो अब कटान की जद में आने का खतरा बढ़ गया है.


बता दें कि अयोध्या में सरयू की जलधारा के घटते बढ़ते स्तर की वजह से कटान शुरू हो गया है. इसका सबसे ज्यादा असर सोहावल तहसील के ढेमवा घाट के किनारे बसे गांवों पर पड़ा है, जिसके कारण गांव के लोगों मे हड़कंप की स्थिति बनी हुई है.


जिला प्रशासन और बाढ़ खंड सरयू ने शुरू किए प्रयास


हालांकि सरयू के किनारों को कटान से बचाने के लिए जिला प्रशासन और बाढ़ खंड ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके तहत किनारों पर बोल्डर और पत्थरों के जरिये कटान रोकने की कोशिश की जा रही है. ढेमवा गांव के कई घरों पर कटान की जद में आने का खतरा उत्पन्न हो गया है. गौरतलब है कि जब सरयू का जलस्तर घटता है तो कटान का खतरा सबसे ज्यादा होता है. यही कारण है कि ढेमवा गांव के दर्जनों परिवार कटान को लेकर आशंकित हैं और बेबसी के साथ नदी किनारे किसी तरह जीवन जी रहे हैं.


अब तक सरयू नदी का 11 सेंटीमीटर जलस्तर घट चुका है


जैसे-जैसे सरयू नदी का जल स्तर घटता जा रहा है वैसे-वैसे कटान बढ़ती जा रही है. 2 दिन पहले सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 16 सेंटीमीटर ऊपर था लेकिन आज खतरे के निशान से केवल 5 सेंटीमीटर ऊपर है यानी 11 सेंटीमीटर जलस्तर घट गया है. जलस्तर घटने से जगह जगह कटान शुरू हो गई है. यह हाल अयोध्या जनपद में अकेले ढेमवा घाट के किनारे बसे लोगो का ही नही है बल्कि विल्हर घाट के किनारे भी ऐसे कई गांव है जो नदी के कछार में बसे है इन सभी गावो में कटान का खतरा उत्पन्न हो गया है.


ग्रामीणों का आरोप प्रशासन नहीं कर रहा कोई सुनवाई


वहीं ग्रामीणो का कहना है कि यह कटान लगभग 25 दिन से हो रही है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही, केवल लेखपाल और तहसीलदार आए थे और एसडीएम आए थे और देख कर के चले गए. उन्होंने यही कहा कि घर खाली कर दो और स्कूल में रहो. ग्रामीणों का कहना है कि वे अपना घर छोड़कर कहां जाएं.


पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है


वहीं केंद्रीय जल आयोग की माने तो नेपाल से छोड़े गए पानी और पहाड़ों पर ज्यादा बारिश होने की वजह से जो बैराज है वह बारिश के पानी को रोक नहीं पाया है. अचानक से उनको पानी छोड़ना पड़ा. इस वजह से सरयू का जलस्तर बढ़ गया. प्रशासन ने खतरे के निशान को देखते हुए लोगों को अलर्ट किया है जहां-जहां पर लोगों को समस्याएं हो रही हैं उनकी समस्या का समाधान किया जा रहा है और उनको राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.


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