अयोध्या: अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह की तरफ से बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी पर दर्ज कराए गए मुकदमे में फैजाबाद कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को निरस्त करते हुए पुनः विवेचना के आदेश दिए हैं. इस मामले में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इकबाल अंसारी ने कहा है कि कोर्ट सबूतों और गवाहों के आधार पर फैसला करता है. कोर्ट जो भी फैसला करेगा वो मंजूर है. इकबाल ने कहा कि उनके साथ घटी घटना को शासन और प्रशासन जानता है और उन्हें प्रशासन पर पूरा भरोसा है.


सरकार पर विश्वास है
इकबाल अंसारी ने कहा कि ''कोर्ट सबूत और गवाह के माध्यम से फैसला करता है. जो भी घटनाएं घटित हुईं वो पूरी दुनिया जानती है. मैं अपने घर में बैठा रहा, परिवार के साथ बैठा रहा. जो भी घटना घटी उसकी एफआईआर हमने की. पुलिस ने जांच पड़ताल की, जो भी कानूनी कार्रवाई होनी थी वो सब हुई. सारी चीजें प्रशासन की जानकारी में है. कोर्ट जो फैसला करेगा हमें मंजूर है. जो भी कुछ हो रहा है वो सब ठीक हो रहा है. सरकार कानून के दायरे में काम करती है. हमें सरकार पर विश्वास है. प्रशासन जो भी करेगा, हमें मंजूर है. कानून कहीं पर गलत नहीं होने देगा. जो भी कुछ हुआ है यहां की जनता बताएगी.''


ये था मामला
दरअसल, 2019 मे अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह इकबाल अंसारी के घर गईं थीं. उस समय मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला नहीं आया था. इस दौरान वर्तिका सिंह और इकबाल अंसारी के बीच मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी. बात इतनी बढ़ गई थी कि बाद में पुलिस ने इकबाल अंसारी और वर्तिका सिंह दोनों की तरफ से राम जन्मभूमि थाने में मुकदमा दर्ज किया था. इसमें इकबाल अंसारी ने घर में आकर बदसलूकी करने और मारपीट की साजिश का आरोप लगाया था. वहीं, दूसरी तरफ वर्तिका सिंह ने इकबाल अंसारी पर बदसलूकी मारपीट करने और देश विरोधी बयान देने के आरोप लगाए थे.



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