अयोध्या, एबीपी गंगा: मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लाउडस्पीकर पर अजान देने पर बहस शुरू हो गई है. जावेद अख्तर से पहले अप्रैल 2017 में सिंगर सोनू निगम ने भी अजान को लेकर इसी तरह का ट्वीट किया था और ट्रोल भी हुए थे. अब जावेद अख्तर के ट्वीट पर अयोध्या के मुसलमानों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि जब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रहा है, तब इस तरह की बांटने वाली राजनीति कतई सही नहीं है, लेकिन इस बात पर लोग सहमत हैं कि मंदिर हो या मस्जिद किसी को भी बड़ी तादाद में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे ध्वनि प्रदूषण फैलता है.


दरअसल, जावेद अख्तर ने अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी. ये बात उन्होंने शनिवार की रात किए अपने ट्वीट में कही. जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. मामले में दो धड़ आमने-सामने आ गए. एक वो जिसने जावेद साहब की बात का समर्थन किया और दूसरा वो जिसने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. अप्रैल 2017 में सिंगर सोनू निगम ने भी इस तरह की मांग की थी, तब भी जावेद ने उनका समर्थन किया था.


अख्तर ने ट्वीट में क्या लिखा था?


अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, ''भारत में लगभग 50 सालों तक लाउडस्पीकर पर अजान देना हराम रहा, लेकिन फिर ये हलाल हो गया और इतना हलाल कि इसका कोई अंत ही नजर नहीं आ रहा है, लेकिन इसका अंत जरूर होना चाहिए. अजान से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन लाउड स्पीकर से दूसरों को काफी असुविधा होती है, मुझे आशा है कि कम से कम इस बार वे खुद ऐसा कर लेंगे.''


इस ट्वीट के बाद सोनू निगम की तरह जावेद अख्तर भी मुस्लिम समुदाय के निशाने पर आ गए हैं और सभी एक ही बात कह रहे हैं जब देश और दुनिया कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रही है, तब सब को एक साथ मिलकर कोविड-19 को हराने की जरूरत है, ना की इस तरह के बयानों की, जो कहीं न कहीं बांटने वाला है.


घरों में रहकर ही करें पूजा-पाठ और इबादत: अंसारी


इस मामले में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का भी बयान सामने आया है. सबसे पहले तो उन्होंने लोगों को अपने घरों में रहकर पूजा-पाठ और इबादत करने की सलाह दी है और कहा है कि रमजान का समय चल रहा है, लोग अपने घरों में ही रोजा इफ्तार और नमाज अदा करें. घरों के बाहर कतई ना निकले, क्योंकि आज हर कोई अपने ईश्वर से कोरोना वायरस को देश और दुनिया से भगाने के लिए दुआ कर रहा है.


इकबाल अंसारी कहते हैं, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आज कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. हमें उनका साथ देना चाहिए. रमजान शरीफ का महीना चल रहा है. सभी अपने देश के लिए दुआ मांग रहे कि जल्द से जल्द कोरोना खत्म देश और दुनिया से खत्म हो जाए. हम सबका भला चाहते हैं. लोग दूरी बनाए रखें और सरकार की कही बातों पर अमल करें. सरकार ने सभी से अपने घरों में रहने को कहा है. आप अपने घरों में पूजा-पाठ करें, रोजा-नमाज करें.''



वहीं, जावेद अख्तर को निशाने पर लेते हुए अंसानी ने कहा, 'ये तो गाना-बजाने वाले लोग हैं. ये लोग मंदिर और मस्जिद से लाउडस्पीकर बंद करने के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. समझ में आ रहा है ये मस्जिद में लाउडस्पीकर बंद करवाएंगे, तो पूरी दुनिया में लोग इनको जानेंगे. ऐसा नहीं होने वाला है. हमारा देश धर्मों के ऊपर चलता है- हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई. इस वक्त लोग अल्लाह को याद कर रहे हैं, भगवान राम को याद कर रहे हैं, गॉड को याद कर रहे हैं कि कोरोना जल्द खत्म हो जाए और जावेद अख्तर लाउडस्पीकर बंद करा रहे हैं. इन्होंने कभी गरीबों के हितों में कोई बात नहीं की, कभी गरीबों की मदद नहीं की. इसी लाउडस्पीकर के गाने की बदौलत वो खाते-कमाते रहे हैं. आज लाउडस्पीकर बंद करने की बात करते हैं'



राम मंदिर समर्थक बबलू खान ने भी किया विरोध


जिला पंचायत सदस्य और राम मंदिर समर्थक बबलू खान ने उनके ट्वीट पर कहा, 'मैं जावेद अख्तर साहब का सम्मान करता हूं, लेकिन इस मामले में मैं उनका समर्थन नहीं करता. इन्होंने जो कहा है कि 50 सालों तक लाउडस्पीकर से आजान देना हराम था, ये कहां लिखा हुआ है.'


वो आगे कहते हैं कि मंदिर हो या मस्जिद लाउडस्पीकर नहीं रहेगा, तो लोगों के कानों तक आवाज नहीं जाएगी, उन्हें कैसे पता चलेगा कि पूजा या नमाज का वक्त हो गया है. देखिए पहले प्रदूषण नहीं था और यह व्यवस्था नहीं थी, तो लोग लाउडस्पीकर के बिना अजान देते थे. अजान का मतलब यह है कि नमाज का वक्त हो गया है. खुदा की इबादत का वक्त हो गया है. लोग अपने घरों से निकलकर के मस्जिद में आए. पहले प्रदूषण नहीं था, इसलिए आवाज की गूंज दूर तक जाती थी, इसलिए लाउडस्पीकर लगाने की जरूरत नहीं पड़ी. उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर एक होना चाहिए, ज्यादा तादाद में नहीं. जाति और धर्म की राजनीति अब कतई नहीं करनी चाहिए. दुनिया के लोग किसी तरह से अपने जीवन और देश को बचा रहे हैं. किसी की भी धार्मिक मान्यता को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए.


उन्होंने कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि लाउडस्पीकर की तादाद को कम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज लोग महामारी से पीड़ित है इसलिए मंदिर और मस्जिद को छोड़कर घरों में इबादत कर रहे हैं. आज हम सबको मिलकर कोरोना वायरस का मुकाबला करना चाहिए, न की मस्जिद में माइक नहीं चाहिए, मंदिर में माइक नहीं चाहिए इस तरह की मुद्दों को उठाना चाहिए.


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