Mahoba News: महोबा में भागवत कथा करने पहुंचे अयोध्या के जगतगुरु रामदीनेशाचार्य जी महाराज ने आयोजित होने वाले राम जन्मोत्सव को बेहद खाद और दिव्य बताया है. अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में विराजे भगवान श्रीराम का तिलक अभिषेक सूर्य के प्रकाश से होने का था है. ये पल दिव्य और ऐतिहासिक है. भगवान सूर्य अपने प्रकाश से भगवान राम के ललाट पर तिलक करेंगे ये देखना सबके लिए सौभाग्य का क्षण होगा.
महोबा जनपद के कुलपहाड़ कस्बे में चल रही भागवत कथा करने आए अयोध्या के जगतगुरु रामदीनेशाचार्य जी महाराज ने अपनी कथा से मौजूद भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सभी श्रोताओं ने महाराज के श्रीमुख से भगवान की लीलाओं को सुन भावविभोर हो गए. इस दौरान जगतगुरु ने पत्रकारों से वार्ता कर आगामी रामनवमी पर्व को लेकर बताया कि अयोध्या में भगवान राम जन्मोत्सव बड़ा खास होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 17 अप्रैल को रामनवमी की भव्य तैयारियां की जा रही है. रामलला के नए भवन में पहली बार जन्मोत्सव मनाया जा रहा है.
17 अप्रैल को होगा सूर्य अभिषेक
ऐसे में वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग के द्वारा श्री रामलला के माथे पर सूरज की किरणों से तिलक लगाकर कर इस उत्सव को और भी ख़ास बना दिया है. अयोध्या के जगतगुरु रामदिनेशाचार्य जी महाराज ने बताया कि श्री राम सूर्यवंशी है. सूर्यवंशी में आने के कारण सूर्य अपने आपको बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे है कि भगवान राम उनके कुल में आए है. ऐसे में इस रामनवमी पर्व पर अयोध्या में आधुनिक और अध्यात्म के समन्वय का स्वरूप देखने को मिलेगा जहां ठीक 12 बजे खुद सूर्यदेव भगवान श्रीराम के मस्तिष्क पर अपनी किरणों से तिलक करेंगे.
इस बार का जन्मोत्सव होगा खास
बीते 500 वर्षो के संघर्ष के बाद रामलला तम्बू और टेंट से निकलकर अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए है. श्रीराम जन्मोत्सव पर भगवान सूर्य अपने प्रकाश से उनके ललाट पर तिलक करेंगे. उन्होंने बताया कि जब श्रीराम का जन्म हुआ था तब एक माह तक सूर्यास्त नहीं हुआ था. श्रीराम करोड़ो सनातनी और हिंदुओं की आस्था के प्रतीक है. उनका प्रथम जन्मोत्सव अद्भुत और अद्वितीय होने वाला है और वह और ख़ास हो जायेगा. जब रामनवमी के दिन ठीक 12 बजे भगवान सूर्य रामलला के भाल पर अपनी किरणों से तिलक करेंगे.
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