Jitendra Narayan Tyagi aka Waseem Rizvi: धर्म परिवर्तन कर जितेंद्र नारायण त्यागी बने वसीम रिजवी ने कहा है कि भगवा पहनने से ऊर्जा मिलती है. उन्होंने एलान किया कि पूरा जीवन हिंदू धर्म और संस्कृति के उत्थान में समर्पित कर दूंगा. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी आज अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय कारसेवकपुरम पहुंचे और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मुलाकात की. इस मौके पर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने जितेंद्र नारायण त्यागी को भगवा वस्त्र भेंट किया.
भगवाधारी हुए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी
राजू दास के साथ जितेंद्र नारायण त्यागी बने वसीम रिजवी सरयू तट पर पहुंचे. उन्होंने पहने हुए परंपरागत वस्त्र सरयू माता में प्रवाहित कर दिया. मंत्रोचार के बीच सरयू में डुबकी लगाकर महंत राजू दास के भेंट किए हुए भगवा वस्त्र धारण कर लिया. हालांकि धर्म परिवर्तन के समय भी वसीम रिजवी भगवा वस्त्र में नजर आए थे लेकिन इसके बाद उनको परंपरागत वस्त्र पहने ही देखा गया. अब उन्होंने परंपरागत वस्त्र छोड़कर हमेशा भगवा वस्त्र पहनने का एलान कर दिया और पूरा जीवन हिंदू धर्म, संस्कृति के उत्थान में समर्पित कर देने की बात भी कही. भगवा वस्त्र धारण करने के बाद हनुमानगढ़ी और श्री राम जन्म भूमि मंदिर में दर्शन पूजन किया.
भगवा वस्त्र पहनने से ऊर्जा और शक्ति मिलने की बात कहते हुए उन्होंने एक बार फिर कट्टरपंथियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर कभी भी मुमकिन हो सके कि कट्टरपंथी मेरा सर काट लें तो मैं सभी देवी देवताओं के सामने अपना कटा हुआ सिर इसी भगवे वस्त्र में लेकर जाऊं. जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने बताया कि भगवान श्री राम की जन्म नगरी में आज स्नान किया. माता सरयू में स्नान के बाद पुराने कपड़े को त्याग कर भगवा धारण कर लिया.
हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा करने का लिया संकल्प
भगवा वस्त्र महंत राजू दास जी महाराज ने दिया था. उन्होंने कहा कि बचा हुआ जीवन धर्म-कर्म, हिंदू संस्कृति की रक्षा में बिताना है. भगवा से ऊर्जा और शक्ति मिलती है. उन्होंने कहा कि जिहादी और आतंकी हमारा कत्ल करना चाहते हैं. मेरे सिर पर करोड़ों का इनाम घोषित है. हम दावत देते हैं कि मेरा सिर काट लें, हम डरते नहीं हैं या उनको चैलेंज है. मैं चाहता हूं कि अगर कभी भी मुमकिन हो सके कि मेरा सिर काट लें तो मैं सभी देवी देवताओं के सामने अपना कटा हुआ सिर इसी भगवे वस्त्र में लेकर जाऊं.
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जितेंद्र नारायण त्यागी बनने के बाद अब वसीम रिजवी कभी भी सन्यास ले सकते हैं. उन्होंने अयोध्या के सरयू तट पर भगवा वस्त्र धारण करने का एलान कर दिया. जल्द ही सन्यास लेने की भी घोषणा करेंगे और उसके लिए तारीख भी जल्द बताएंगे. उन्होंने कहा कि सन्यास भी धार्मिक रीति रिवाज के साथ धारण करेंगे और जल्द ही तारीख को भी तय किया जाएगा. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी के साथ लगातार मौजूद रहे महंत राजू दास ने कहा कि आज हिंदू धर्म की जय इसलिए है क्योंकि जो पहले कभी वसीम रिजवी हुआ करते थे आज त्यागी के रूप में भगवा चोला धारण किया है.
उन्होंने गला काटने की प्रवृत्ति पर हमला किया और पूछा कि गाली देनेवाले, सिर कलम करने की बात करनेवाले, त्यागी पर करोड़ों रुपये का इनाम रखनेवालों की कैसी संस्कृति, कैसा धर्म है. मैं साधुवाद देता हूं त्यागी जी को और त्यागी जी का मंगल हो. त्यागी जी हिंदू संस्कृति, धर्म को और आगे बढ़ाने में शक्तिशाली बनेंगे, ऐसी मेरी कामना है.
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