अयोध्या: तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास बीते 12 अक्टूबर से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए आमरण अनशन पर हैं. वहीं, 11 अक्टूबर को गोंडा में हुए संत सम्राट दास के ऊपर जानलेवा हमले पर गोंडा पुलिस ने परमहंस दास के खिलाफ महामारी एक्ट में मामला पंजीकृत कर लिया है.


हो सकती है गिरफ्तारी
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास की किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है. गोंडा प्रशासन पर अनशन से उठाने के षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए महंत परमहंस दास ने कहा कि देश के 120 करोड़ हिंदू जनमानस का समर्थन उन्हें मिल रहा है. भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए वो पिछले 12 अक्टूबर से आमरण अनशन पर हैं.


हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग
बताते चलें कि, बीते 12 अक्टूबर से संत परमहंस दास भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए तपस्वी छावनी पर आमरण अनशन पर बैठे हैं. 11 अक्टूबर को गोंडा में हुए संत पर हमले को लेकर परमहंस दास गोंडा गए थे. गोंडा के राम जानकी मंदिर के पास मनोरमा तपस्वी छावनी की परंपरा का मंदिर है और परमहंस के शिष्य ही वहां के पुजारी हैं.


महामारी एक्ट के तहत मुकदमा हुआ पंजीकृत
संत सम्राट दास को गोली लगी थी. परमहंस दास उनका कुशलक्षेम जानने जब गोंडा पहुंचे तो प्रशासन की तरफ से लापरवाही बरते जाने पर नाराजगी व्यक्ति की थी, जिसके बाद गोंडा में संत परमहंस दास के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है.


षड्यंत्र कर रहा है प्रशासन
परमहंस दास ने अपने पक्ष में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन अनशन से उठाने के लिए षड्यंत्र कर रहा है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को मैंने 6 माह पूर्व ही पत्र लिखकर सूचित किया था कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए नहीं तो 12 अक्टूबर से हम आमरण अनशन पर बैठेंगे. अनशन का आज चौथा दिन है.


पूरे देश से उठ रही है आवाज 
संत परमहंस दास ने कहा कि ''अयोध्या से मैं अकेले ही गया था और जब की षड्यंत्र के तहत गोंडा में भीड़ एकत्रित की गई थी. मेरे ही खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया. मेरे अनशन के समर्थन में पूरे देश से आवाज उठ रही है, जिस वजह से अनशन को खत्म करने के लिए साजिश रची जा रही है.''



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