UP Nikay Chunav : अनीता शरद पाठक को मिला चुनाव चिन्ह, बागी शरद पाठक बाबा बोले- अधर्म पर धर्म की विजय का हुआ शंखनाद
भाजपा से बगावत करने वाले शरद पाठक बाबा ने अपनी पत्नी अनीता शरद बाबा को शंख का चुनाव चिन्ह मिलने पर खुशी जताई है उन्होंने इसे अधर्म की धर्म की विजय का शंखनाद बताया है.
UP Nikay Chunav : बीजेपी से बगावत शुरू करने वाले शरद पाठक बाबा की पत्नी अनीता पाठक को हिंदुत्व का प्रतीक माना जाने वाला चुनाव निशान शंख मिला है. चुनाव निशान मिलने के बाद शरद पाठक "बाबा" ने कहा कि यह शंखनाद है, अधर्म पर धर्म की विजय का, अयोध्या वासियों को समस्याओं से मुक्ति का और अयोध्या में असली भगवा लहराने का. शरद पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को झूठा दंगाई जातिवादी, और विकास विरोधी पार्टी बताने वाले और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और लोकप्रिय सांसद लल्लू सिंह के लिए अपमान जनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को आज बीजेपी के ही शीर्ष नेतृत्व ने अयोध्या महापौर पद पर राज्याभिषेक करने की तैयारी कर ली है, लेकिन ऐसे व्यक्ति को अयोध्यावासी और बीजेपी के कार्यकर्ता अयोध्या महापौर के पद पर कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बीजेपी से महापौर प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी जी को कांग्रेस की सरकार में विकास दिखाई देता है. एक वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों को भ्रष्टाचारी तक बोल दिया था, यह भी कह दिया कि बीजेपी की सोच विकास की नहीं है और कांग्रेस की सरकार जाने के बाद अयोध्या उत्तर प्रदेश सब बदहाल है. आज बड़े दुख के साथ अयोध्या के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को और संपूर्ण भारतवर्ष के बीजेपी के कार्यकर्ताओं को यह सूचित करना पड़ रहा है कि अयोध्या महापौर प्रत्याशी के लिए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इन्हीं का नाम सुझा है. ना जाने किन कारणों के चलते इन्हें बीजेपी से अयोध्या महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया गया.
अयोध्या मेयर प्रत्याशी बागी बीजेपीई शरद पाठक बाबा ने एक कांग्रेसी विचारधारा वाले व्यक्ति को महापौर प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए अपनी पत्नी अनीता शरद पाठक बाबा का नामांकन निर्दलीय कर दिया है.
हमारी विचारधारा RSS की विचारधारा
शरद पाठक बाबा ने कहा कि हमारी विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा है. अयोध्या में महापौर के पद के लिए बीजेपी प्रत्याशी के रूप में ना ही किसी कांग्रेसी विचारधारा वाले प्रत्याशी को बर्दाश्त किया जाएगा. ना ही सभी बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री मोदी जी का अपमान करने वाले किसी को बर्दाश्त किया जाएगा. साथ ही विभिन्न वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों के रूप में किसी माननीय के कृपा पात्र को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.11 मई 2023 को मतदाता अयोध्या के हित में इसका जवाब अवश्य देंगे.
शरद पाठक ने अपनी पार्टी से की थी बगावत
शरद पाठक बाबा बीजेपी से महापौर की तैयारी कर रहे थे. लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपनी पार्टी से बगावत कर दी थी. शरद पाठक बाबा ने अयोध्या मेयर पद के लिए अपनी पत्नी अनीता शरद पाठक बाबा का नामांकन कराया था. उसमें चुनाव चिन्ह शंख मिला है. यह चुनाव चिन्ह सिर्फ शंख ही नहीं है.