Ayodhya News: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या (Ayodhya) के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण (Mosque Construction) के लिए यूपी सरकार द्वारा दी गई 5 एकड़ जमीन के लैंड यूज़ (Land Use) को बदल दिया गया है. इसी के साथ अब इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (Indo-Islamic Cultural Foundation) की तरफ से अयोध्या विकास प्राधिकरण को दिए गए मानचित्र के स्वीकृति का रास्ता साफ हो गया है. कुछ और औपचारिकताओं के बाद मस्जिद का नक्शा इंडो इस्लामिक फाउंडेशन को सौंप दिया जाएगा और इसी के बाद अप्रैल या मई 2023 से मस्जिद निर्माण का काम शुरू हो जाएगा.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह ने कहा, 'यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुन्नी बोर्ड को मस्जिद के लिए जमीन दी गई थी. बाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा इंडो इस्लामिक को यह जमीन दी गई थी. जमीन के इस्तेमाल के लिए इंडो इस्लामिक फाउंडेशन के ट्रस्टी अरशद अफजाल खान जी को सूचित किया गया है. मानचित्र और एनओसी के लिए आवेदन देने पर तत्काल मानचित्र स्वीकृत कर दिया जाएगा.'
बनाए जाएंगे रिसर्च सेंटर, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल
अरशद अफजाल खान ने बताया, 'सारी एनओसी मिल चुकी है. अब उस एनओसी और नक्शे को विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड करना है. जब एप्लीकेशन अपलोड हो जाएगा. सिस्टम अपने आप मंजूरी दे देगा. सबसे बड़ा बोर्ड होता है जब बोर्ड ने उसको परमिट कर दिया है तो हम कह सकते हैं कि नक्शा पास हो गया है.'
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन जमीन पर बाबरी मस्जिद की तरह की मस्जिद का निर्माण नहीं कराएगा बल्कि इसकी एक यूनिट डिजाइन होगी, इसके बीचोंबीच 200 बेड का मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल होगा, इसके अलावा 1000 लोगों का कम्युनिटी किचन होगा जिसमें सभी धर्म-संप्रदाय के लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसी तरह अस्पताल में भी सभी का इलाज होगा. इन सबके अलावा एक लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर भी होगा. यही नहीं नमाज पढ़ने के लिए भी व्यवस्था होगी.
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