Ayodhya News: उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (6 नवंबर) को एक मामले की सुनवाई के दौरान कड़ी फटकार लगाई. अदालत के इस फैसले पर विपक्ष प्रदेश की सत्तारूढ़ सरकार पर हमलावर हो गया है. इसी कड़ी में फैजाबाद (अयोध्या) से समाजवादी पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा.
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि मैं, मेरी पार्टी और मेरे नेता अखिलेश यादव इस तरह की अवैध कार्रवाई के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं और हम लोग लगातार इसका विरोध करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय कानून में बुलडोजर से घर गिराने का कहीं कोई नियम नहीं है.
अवधेश प्रसाद ने लगाए आरोप
अयोध्या से सपा सांसद ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, "किसी व्यक्ति ने अगर बहुत बड़ा अपराध किया हो तो उसके लिए भारतीय कानून में मौत की सजा है, लेकिन बुलडोजर से उसका घर गिराना और एनकाउंटर कर देना यह कहीं भी नहीं है."
अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि "भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रदेश में हालिया सालों में न जाने कितनों घरों को विध्वंस किया है." उन्होंने कहा, "घर जब इस तरह से विध्वंस होता है, तो सारे परिवार के सामने कई तरह की समस्या खड़ी हो जाती है."
सपा सांसद ने आदेश का किया स्वागत
सांसद अवधेश प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि कोर्ट बहुत ही अच्छा फैसला दिया है. उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत और अभिनंदन करता हूं. कोर्ट का जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी स्वागत योग्य है. अवधेश प्रसाद ने तंज कसते हुए कि योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार से सबक सीखना होगा.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बुधवार को महाराजगंज में साल 2019 में सड़क चौड़कीकरण के नाम पर घर गिराने को लेकर शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनावई के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यूपी सरकार के बुलडोजर कार्रवाई पर कड़ी फटकार लगाई.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "आप कैसे इस तरह से लोगों के घर गिराना शुरु कर सकते हैं." उन्होंने कहा, "बिना नोटिस के किसी के घर में घुसकर उसे गिराना अराजकता है. आप सिर्फ ढोल बजाकर लोगों से घर खाली करने और उन्हें गिराने का आदेश नहीं दे सकते हैं." सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता को योगी सरकार से 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया.
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