Ram Mandir News: अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम लला (Ram Mandir) का भव्य मंदिर बन रहा है. बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन से रामलला का भव्य मंदिर तैयार हो रहा है. रामलला के मंदिर में गर्भगृह को लेकर 14 दरवाजे (Ram Mandir Door) होंगे अब इन दरवाजों को लगाए जाने के लिए मकराना मार्बल चौखट और बाजू बनाए जाएंगे. जिनकी नक्काशी मुस्लिम समाज के लोगों ने की है. ये चौखट बाजू रामजन्म कार्यशाला में आकर रख चुके हैं अब मंदिर निर्माण के साथ इन्हीं चौखट बाजू से रामलला के मंदिर का गर्भग्रह द्वार और 13 अन्य द्वार की चौखट बाजू बनाए जाएंगे हालांकि इसके लिए लकड़ी का चयन किया जाना है.


मंदिर की चौखट तराशने का काम शुरू


रामलला के मंदिर आंदोलन के दरमियां 1990 से ही राम जन्म की कार्यशाला बनाई गई थी, जहां पर बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को तराश कर के मंदिर निर्माण के लिए रखा गया था. अहिल्या रूपी पत्थरों का वनवास लगभग तीन दशक बाद खत्म हुआ और अब रामलला का बहुप्रतीक्षित मंदिर बनना शुरू हो चुका है. 2024 जनवरी में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. ऐसे में मंदिर की भव्यता को लेकर लगातार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्य कर रहा है. समय-समय पर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में कार्यदायी संस्था के लोग मंदिर निर्माण को लेकर मंथन करते हैं जिसमें इंजीनियर और वैज्ञानिकों की भी राय ली जाती है.


हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहेगा मंदिर


ट्रस्ट की मंशा है कि 500 सालों के संघर्ष के बाद बनाया जा रहा रामलला का मंदिर हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहे. इसमें वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्राकृतिक आपदाओं से भी मंदिर सुरक्षित रहेगा. मंदिर निर्माण में लगाया जाने वाला सामान भी उच्च गुणवत्ता वाला है. रामलला के मंदिर में लगने वाले चौखट बाजू की एक्सक्लूसिव तस्वीरें भी सामने आईं हैं. अभी तक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है मंदिर का प्रथम तल 2024 तक बनकर तैयार होगा और उसके पहले चौखट बाजू की भी जरूरत पड़ेगी. ऐसे में मकराना के मार्बल से बनी मुस्लिम समाज के द्वारा तराशे गए चौखट बाजू राम जन्म की कार्यशाला में आ कर रखे हैं और इन्हीं मकराना मार्बल से रामलला के मंदिर के चौखट बाजू बनाए जाएंगे.


मुस्लिम समाज के लोगों ने की नक्काशी
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में 3:50 से 4 लाख घन फुट पत्थर लगने हैं. उसके अलावा जो दरवाजे बनेंगे जो द्वार होंगे उसमें संगमरमर का पत्थर लगेगा. ये संगमरमर मकराना से लाए जाएंगे और लाए भी गए हैं. यहां पर पूर्व में श्री राम जन्म भूमि न्यास के द्वारा जब नक्काशी कराई जा रही थी तो उस समय ही मकराना से चौखट बाजू को लाकर रखा गया है. यहां पर उसकी नक्काशी की गई है जो 14 द्वार बनेंगे मंदिर निर्माण में उसमें इस चौखट बाजू का उपयोग होगा. शरद शर्मा ने कहा कि ये संगमरमर दूधिया कलर के हैं. इस पत्थर की आयु भी लगभग 2000 साल की है. मकराना में इस पत्थर की नक्काशी जिस फर्म में हुई वो मुस्लिम समाज की थी. उन्होंने इस काम को अपना सौभाग्य समझा. उन्होंने भगवान राम को अपना पूर्वज बताया और कहा कि ये उनके लिए गर्व की बात है कि उनके हाथों से तराशे गए पत्थर मंदिर में लगेंगे.


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दरवाजों के लिए मंगाए गए लकड़ी के सैंपल


चौखट बाजू से रामलला के मंदिर का गर्भगृह द्वार और 13 अन्य द्वार की चौखट बाजू बनाए जाएंगे हालांकि इसके लिए लकड़ी का चयन किया जाना है. बहराइच के जंगलों से शीशम और साखु तथा पड़ोसी जनपद गोंडा के मनकापुर के जंगलों से सागौन के सैंपल मंगाए गए हैं. कार्यदाई संस्था और इंजीनियर इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं कि किस लकड़ी से रामलला के मंदिर के दरवाजे बनवाए जाएंगे. 


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