Ayodhya News: श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान होने के बाद रामलला का यह पहला झूलनोत्सव रहा, इसीलिए 7 अगस्त अर्थात सावन शुक्ल की पंचमी को रामलला चांदी और सोने से बने झूले पर अपने भाइयों के साथ विराजमान हुए. श्रावण मास के गीतों और कजरी के धुन के बीच रामलला का यह झूलनोत्सव भक्तों को खूब भाया. पूरे श्रावण मास में 30 लाख से 35 लाख के बीच राम भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन किए.
भीषण गर्मी के बाद जब बारिश की फुहार पड़ी तो दर्शनार्थियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी. श्रावण मास में तो श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी और अंतिम तीन दिन में यह संख्या प्रतिदिन के लिहाज से डेढ़ लाख से भी ऊपर चली गई. इस दौरान न सिर्फ देश के बल्कि विदेशों से भी राम भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने झूलनोत्सव के बीच जो श्रावण मास में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया उससे भी भक्त अहलादित नजर आए.
श्रावण माह में करीब 35 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने इस संबंध में बताया कि श्रवणमास में यहां का मेला जो है नागपंचमी के बाद शुरू होता है उसके पहले सामान्य दर्शनार्थी यह फिर जो कावड़ लेकर चलते हैं, वही भक्त लोग आते है. तीज के बाद भक्त लोग आने शुरू होते हैं और इस मेले में आसपास के जिलों से ही ज्यादा लोग आते हैं. कावड़ लेकर भी आसपास के जिलों से ज्यादा आते हैं. माह के शुरू में तो 75 से 80 हज़ार लोग प्रतिदिन दर्शन कर रहे थे, आखिरी हफ्ते में 1 लाख से ऊपर दर्शनार्थी पहुंच गए. जबकि अंतिम तीन दिनों में यह संख्या डेढ़ लाख के आसपास पहुंच गई. इस तरह पूरे श्रावण मास में हमारे हिसाब से 30 से 35 लाख लोगों ने दर्शन किए.
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