Ayodhya News: अयोध्या में भगवान राम के अस्थाई भवन में झूलनोत्सव का उत्साह चरम पर है. 492 वर्षों बाद रामलला चांदी के झूले पर विराजमान हुए हैं. राम मंदिर ट्रस्ट ने संगीत मय झूलनोत्सव का आयोजन राम जन्मभूमि परिसर में किया है. भगवान के सानिध्य में शाम को संगीत के रूप में कजरी और पद सुनाए जा रहे हैं. 


रामलला को समर्पित किया गया चांदी के झूला
दरअसल, राम की नगरी में जितने भी प्रमुख मंदिर हैं वहां पर झूलनोत्सव का आयोजन चल रहा है. सावन के महीने में नाग पंचमी से सभी प्रमुख मंदिरों में विग्रह जुलूस का आनंद होता है. ये प्रक्रिया रक्षाबंधन तक चलती है. 1990 के दशक से पहले विवादित परिसर में भगवान राम को जुलूस के दरमियान संगीत में झूलनोत्सव का आनंद दिलाया जाता था लेकिन विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद ये प्रक्रिया समाप्त हो गई थी. टेंट में रामलला लकड़ी के साधारण झूलों पर विराजमान कराए जाते थे. लेकिन, अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी का झूला भगवान रामलला को समर्पित किया गया है. अब झूलनोत्सव का आनंद लेते हुए भगवान रामलला अपने पूरे परिवार के साथ सावन की कजरी का भी आनंद ले रहे हैं. 


लोगों में खासा उत्साह है
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा विवादित ढांचे में जब रामलला विराजमान थे तो वहां पर संगीत का कार्यक्रम चलता था. लेकिन, ढांचा गिरने के बाद वहां पर सब बंद रहा. इस वर्ष ट्रस्ट ने चांदी का झूला बनाकर रामलला को समर्पित किया है. इससे लोगों में खासा उत्साह है. रामलला के परिसर में झूलनोत्सव का आनंद लेते हुए भगवान रामलला को अब संगीत भी सुनाया जा रहा है. झूलनोत्सव नाग पंचमी से शुरू हुआ है और रक्षाबंधन सावन की पूर्णिमा तक चलेगा. 



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