Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में राम की पैड़ी पर आदिपुरुष फिल्म का टीजर रिलीज होने के बाद से विरोध के स्वर ऊंचे ही होते जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के पूर्व सदस्य और रेल मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य अनूप चौधरी ने इसको लेकर अधिकारियों और साधु संतों से मुलाकात की. विचार विमर्श के बाद निर्णय हुआ कि आदिपुरुष फिल्म के निर्माता-निर्देशक को फिल्म को लेकर आपत्तियों को दूर करने के लिए पत्र भेजा जाएगा. 


यह पत्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की तरफ से भेजा जाएगा. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी मिलने के लिए समय देने को लेकर भी पत्र भेजा जाएगा. मुलाकात के दौरान उनसे इस बात का अनुरोध किया जाएगा कि फिल्म सेंसर बोर्ड की तरह एक बोर्ड भी बनाया जाए जिसमें हर धर्म के स्कॉलर को जगह दी जाए. यह बोर्ड धार्मिक फिल्म बनाने वाले निर्माता-निर्देशक को फिल्म को लेकर वेशभूषा और धार्मिक भावनाओं को लेकर सुझाव देगा जिससे धार्मिक भावनाएं आहत ना हो सके और फिल्म बनने के बाद किसी भी प्रकार की विवाद से बचा जा सके.


क्या है पूरा मामला?
अयोध्या के साधु-संतों के अलावा अब बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी भी विरोध में खड़े हो गए हैं और कह रहे हैं कि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जो पूरी दुनिया में जाना जाता है और राम की पैड़ी पर आदिपुरुष फिल्म का जो टीजर दिखाया गया. उससे अयोध्या के हिंदू और मुसलमान सभी नाराज हैं जो वस्त्र पहने हुए दिखाया गया वैसा किसी भी धार्मिक ग्रंथ में उल्लेख नहीं है इसलिए यह तो फिल्म में सुधार किया जाए नहीं तो फिल्म को बंद कर दिया जाए.


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फिल्म में चित्रों का स्वरूप गलत
फिल्म सेंसर बोर्ड के पूर्व सदस्य अनूप चौधरी ने कहा कि जब हमारे आराध्य के ऊपर कोई निर्माता-निर्देशक फिल्म बनाता है तो उसको यह बात पूछ लेनी चाहिए कि दिखाना क्या चाहता है. आदिपुरुष में बड़े फिल्म अभिनेता प्रभास जी मूंछें लगाए हुए और वन में चप्पल पहने हुए हैं. बहुत तरीके से भगवान राम का स्वरूप और माता सीता का स्वरूप गलत दिखाने का काम किया जा रहा है. इस फिल्म का अभी टीजर और पोस्टर आया है जिससे पता चल रहा है कि यह देश में माहौल खराब करने का काम करेगी. इसलिए निर्णय लिया गया है कि सर्वप्रथम हम निर्माता-निर्देशक को पत्र भेजेंगे कि इस फिल्म में जो चित्र दिखाएं हैं उनका स्वरूप गलत है, उसको आप ठीक करके अच्छी फिल्म बनाकर अच्छे से रिलीज करिए हम सबका पूरा समर्थन सहयोग है किंतु आप ऐसी फिल्म मत बनाएं कि जिससे हमारे आराध्य का और हम लोगों को ठेस पहुंचे.


रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास का कहना है कि एक बार पत्र लिखकर उनको चेतावनी दी जाए कि आपने जो फिल्म बनाई हैं उसमें गड़बड़ियां हैं. जो पात्रों का स्वरूप है वह बिल्कुल गलत है जिससे उसमें सुधार कर लें तो अच्छी बात है उसके बाद इस संबंध में समय लेने के लिए पत्र प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा जाएगा कि वह समय दें. समय इसलिए मांगा जाएगा कि एक धार्मिक बोर्ड बने और उस बोर्ड के निर्देशन में ही जो भी फिल्म नए ढंग से या धार्मिक फिल्म बने तब बोर्ड की स्वीकृति के बाद फिल्म रिलीज होनी चाहिए.


बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि यह सवाल हमारे अयोध्या का है और और सनातन धर्म का है. सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जो पूरी दुनिया में जाना जाता है और फिल्म का अयोध्या के साधु संतों ने विरोध किया, पूरे अयोध्या के साधु-संत नाराज हैं, हिंदू मुसलमान नाराज हैं क्योंकि भगवान राम हो या माता सीता हो. इनके वस्त्रों का स्वरूप गलत दिखाया गया है. 


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