Ayodhya News: पूरे यूपी (UP) में बिना मान्यता प्राप्त से चल रहे मदरसों का सर्वे किया जा रहा है. यूपी में करीब साढ़े 8 हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं, जिसको लेकर अयोध्या के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि जब भी कोई भी स्कूल खोले जाते हैं तो सरकार से मान्यता ली जाती है वहीं पढ़ाई का सिस्टम पूरे देश में लागू करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वही नियम लागू होने चाहिए जैसे हमारे यहां संस्कृत के विद्यालय हैं, उसमें हिंदी, संस्कृत विज्ञान अंग्रेजी सभी शिक्षा दी जाती है. यही सिस्टम मदरसों में भी लागू होना चाहिए.
'हमारे देश की शिक्षा मदरसों में भी होनी चाहिए'
बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि बहुत से मदरसे जो हैं, वह लोग अपने निजी हिसाब से चला रहे हैं लेकिन हमारा तो मानना यही है कि इनमें हमारे देश की भी शिक्षा होनी चाहिए. सरकार की भी जिम्मेदारी है कि सरकार उनको मान्यता दें, जो किताबें हमारे देश में चलती हैं वो कानून मदरसों के लिए भी हो ताकि वही किताब मदरसे में भी पढ़ाई जाए. इसके अलावा इकबाल अंसारी ने कहा कि जब तक हमारे देश की शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक बच्चों का भविष्य अंधकार में रहेगा. मदरसा कोई भी हो, सरकार की जिम्मेदारी बनती हैं कि सरकार उसको अपने अंदर कस्टडी में ले और अपने स्तर से शिक्षा दें.
मदरसों में हो शिक्षा का ये सिस्टम लागू
इसी के साथ मदरसे में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और अरबी इसकी शिक्षा होनी चाहिए. जो हमारे देश का संविधान है उसको भी देश में पढ़ाया जाए और देश का संविधान भी सिखाया जाए. जब तक मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं होगा उसमें शिक्षा अच्छी नहीं होगी. हमारे यहां के मौलवी मौलाना सोचते हैं कि हम उर्दू और अरबी से काम चलाएंगे लेकिन हमारे देश में हिंदी और अंग्रेजी से काम चलता है, उर्दू से नहीं. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जब भी कोई भी स्कूल खोले जाते हैं तो सरकार से मान्यता ली जाती है और मान्यता के साथ हमारे प्राइमरी में पुस्तकें चलती हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि वही पढ़ाई का सिस्टम पूरे देश में लागू करना चाहिए. वही नियम लागू होने चाहिए जैसे हमारे यहां संस्कृत के विद्यालय हैं, उसमें हिंदी, संस्कृत विज्ञान अंग्रेजी सभी शिक्षा दी जाती है.
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