Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में मंगलवार को अक्षय नवमी की बेला शुरू होते ही लाखों श्रद्धालुओं ने धूल माथे पर लगाकर 14 कोसी परिक्रमा शुरू कर दी है. परिक्रमा शुरू करने का मुहूर्त मंगलवार को रात 12 बजकर 48 मिनट से था लेकिन उत्साह इतना अधिक था कि लोगों ने 2 घंटे पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी. देखते ही देखते 42 किलोमीटर लंबा परिक्रमा मार्ग श्रद्धालुओं से भर गया. यह परिक्रमा राम जन्मभूमि मंदिर के 14 कोस की परिधि में की जाती है.
सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
कहते हैं जो अयोध्या की 14 कोस की परिक्रमा करता है उसका कभी क्षय नहीं होता और वह जीवन मरण के बंधन से मुक्त होकर परमधाम की प्राप्ति करता है. लिहाजा दिल में आस्था और भक्ति की भावना लिए श्रद्धालु कदम से कदम बढ़ाते परिक्रमा कर रहे हैं. कोविड-19 संक्रमण के बाद इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ काफी अधिक है और लोगों का उत्साह चरम पर है जिसको देखते हुए जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
14 कोसी परिक्रमा को लेकर ये है मान्यता
कार्तिक शुक्ल पक्ष के अक्षय नवमी को शुरू होने वाली 14 कोसी परिक्रमा के बारे में कहा जाता है कि यह वह मुहूर्त होता है जिसमें अगर कोई काम किया जाए तो वह क्षय नहीं होता है और जन्म-जन्मांतर में जो भी पाप या जाने-अनजाने में कोई गलती होती है तो एक-एक कदम चलकर उसका पश्चाताप हो जाता है. यही नहीं 14 कोसी परिक्रमा के बारे में कहा जाता है कि यह परिक्रमा करने से आत्मा जीवन चक्र से मुक्त हो जाती है. इसी के साथ कोविड-19 संक्रमण के बाद इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ काफी अधिक है
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