Ayodhya News: मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस सुब्रमण्यम लक्ष्मी नारायण ने भगवान रामलला को 4 किलो सोने से तैयार स्वर्ण रामायण भेंट की है. इस स्वर्ण रामायण को अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है. सोने की रामायण का प्रत्येक पृष्ठ तांबे से बना हुआ है जिस पर रामचरितमानस के श्लोक अंकित है. दस हजार नौ सौ दो छंद वाले महाकाव्य के प्रत्येक पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है. यह अनोखी रामायण लगभग 480 से 500 पृष्ठ की है. इसे बनाने में लगभग 4 किलो सोने के साथ तांबे का भी प्रयोग किया गया है. इसका वजन लगभग डेढ़ कुंटल है.
दरअसल पूर्व आईपीएस सुब्रमण्यम लक्ष्मी नारायण ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही अपनी जीवन भर की कमाई रामलला को अर्पित करने का ऐलान किया था. जिसके बाद उन्होंने 5 करोड़ की लागत से इस अनोखी रामायण को तैयार करवाया जिसका वजन 151 किलो है. इस रामायण को तैयार करवाने में 4 किलो से अधिक सोना और 140 किलो तांबे का प्रयोग किया गया है. अब रामलला के गर्भगृह में श्रद्धालु इस अनोखी रामायण का भी दर्शन कर सकेंगे.
राम मंदिर ट्रस्ट को भेंट की सोने की रामायण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मी नारायण के द्वारा सोने की रामायण भेंट की गई. लक्ष्मी नारायण की तरफ से संकल्प लिया गया था कि जो भी मेरे रिटायरमेंट के बाद जमा पूंजी रहेगी वह रामलला को स्वर्ण रामायण भेंट करके समर्पित की जाएगी. इनके द्वारा रामायण रामलला के दरबार में भेंट की गई. प्रकाश गुप्ता ने कहा कि ताम्रपत्र पर स्वर्ण अक्षरों से इस रामायण को लिखा गया है. संपूर्ण रामायण पर सोने की परत चढ़ाई गई है जिसे स्वर्ण रामायण कहा जा रहा है.
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