Ayodhya News: उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में 14 किलोमीटर लंबे राम पथ के निर्माण और सड़क के नीचे सीवर लाइन बिछाने में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में लोक निर्माण विभाग (PWD) एवं उत्तर प्रदेश जल निगम के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इस बीच, फैजाबाद से नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद अवधेश प्रसाद ने शनिवार को अयोध्या में 14 किलोमीटर लंबे राम पथ के निर्माण और सड़क के नीचे सीवर लाइन बिछाने में घोर लापरवाही के लिए उच्च स्तरीय जांच की मांग की.


अयोध्या में पिछले शनिवार और मंगलवार की रात को हुई बारिश में ही राम पथ के किनारे स्थित करीब 15 गलियां और सड़कें जलमग्न हो गईं. राम पथ के किनारे स्थित घरों में न सिर्फ बरसात का पानी घुस गया, बल्कि नवनिर्मित राम पथ का 14 किलोमीटर का हिस्सा एक दर्जन से अधिक स्थानों पर धंस गया. सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में अहमदाबाद स्थित ठेकेदार कंपनी भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया है.


सपा सांसद ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
इस बीच, शनिवार को स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष पारसनाथ यादव और उनकी टीम के साथ राम पथ और अयोध्या के अन्य इलाकों का निरीक्षण किया. सांसद अवधेश प्रसाद ने बातचीत में कहा कि कितने लोग जिम्मेदार हैं, कौन जिम्मेदार हैं, सब कुछ स्पष्ट होना चाहिए. इस मामले में कुछ लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं है. राम पथ निर्माण में अनियमितताओं में और भी लोग शामिल हैं. सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा राम के नाम पर लूट हो रही है. उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर समय रहते जांच होनी चाहिए.


विशेष सचिव विनोद कुमार ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल और सहायक अभियंता अनुज देशवाल को निलंबित करने के आदेश जारी किए. वहीं, कनिष्ठ अभियंता प्रभात कुमार पांडेय को निलंबित करने का आदेश पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (विकास) वी के श्रीवास्तव ने जारी किया. उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने अयोध्या में पदस्थ अधिशासी अभियंता आनंद कुमार दुबे, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार यादव और अवर अभियंता मोहम्मद शाहिद को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं.


पीडब्ल्यूडी की ओर से जारी एक कार्यालय आदेश में कहा गया है कि राम पथ की सबसे ऊपरी परत निर्मित किये जाने के तुरंत बाद क्षतिग्रस्त हो गई. इससे राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता के तहत किए जा रहे कार्यों में शिथिलता सामने आई और आम लोगों के बीच राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा है. कार्यालय आदेश में कहा गया, 'इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए निर्माण खंड-तृतीय के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम सात के तहत निलंबित किया जाता है. वह अयोध्या में मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे.' दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.


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