Ayodhya News: अयोध्या में पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 मई को, दूर से दिख रही मंदिर की भव्यता
Ayodhya News: अयोध्या में पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 मई को कलश यात्रा के साथ शुरू होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ समारोह का शुभारंभ करेंगे.
![Ayodhya News: अयोध्या में पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 मई को, दूर से दिख रही मंदिर की भव्यता Ayodhya News UP News Ayodhya Pran Pratishtha Mahotsav of South Indian style temple on 31st May ann Ayodhya News: अयोध्या में पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 मई को, दूर से दिख रही मंदिर की भव्यता](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/30/8cb125064f75e381ed22ed3c050e10e9_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
UP News: अयोध्या के रामकोट स्थित श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम दूर अयोध्या के पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 मई को कलश यात्रा के साथ शुरू होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक जून को समारोह का शुभारंभ करेंगे. अयोध्या का ये पहला मंदिर होगा जहां भगवान श्री राम के कुलदेवता भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथन का मंदिर होगा. श्री राम लला देवस्थान के महंत जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य महोत्सव की तैयारियों को अंतिम स्वरूप देने में जुटे हैं.
दूर से दिख रही है मंदिर की भव्यता
अयोध्या में बने दक्षिण भारतीय शैली के इस मंदिर की भव्यता दूर से ही दिख रही है. महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि मंदिर में विराजमान श्री राम लला माता जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमाएं भी दक्षिण भारत से आई हैं. मंदिर की डिजाइनिंग चेन्नई के मशहूर आर्किटेक्ट स्वामीनाथन ने किया है. अयोध्या का ये पहला मंदिर है जो श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम की दूरी पर बनकर तैयार हुआ है. जिसमें कदम कदम पर दक्षिण भारतीय परंपरा झलक रही है. जिस जगह पर दक्षिण भारत की शैली पर मंदिर का निर्माण कार्य हुआ है वह जगह भी अपने आपने महत्वपूर्ण है.
इसी मंदिर में हुआ था राम सहित चारों भाइयों का नामकरण
जगद्गुरु राघवाचार्य ने कहा कि गुरु वशिष्ठ ने भगवान राम के चारों भाइयों का नामकरण इसी मंदिर में किया गया था. जहां दक्षिण भारत की शैली पर मंदिर का निर्माण हुआ है. इस नाते इसको रामलला सदन के नाम से जाना जाता है. अयोध्या में रामलला मंदिर में विराजमान हैं लेकिन रामलला के नाम पर कोई सदन है तो अयोध्या में वह यही है इसी नाते इस पूरे एरिया को रामलला सदन कहा जाता है. इस मंदिर के मान्यता है संपूर्ण रामकोट एरिया रामकोट का किला हुआ करता था.
सीएम के मौजूदगी में होगा उद्घाटन
रामलला सदन के पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि श्री राम लला सदन अत्यंत प्राचीन स्थान है. 300 वर्ष पुराना आश्रम यहां था. 2012 से इसकी व्यवस्था मैं देख रहा हूं और मैं इसका सलाहकार हूं. दक्षिण भारत की शैली में अयोध्या में कोई मंदिर नहीं है. हमने सोचा दक्षिण भारत की शैली में अयोध्या में एक मंदिर का निर्माण हो. उस भाव को मैंने अपने मन में संजोया और लोग जुड़ते गए और इस मंदिर का निर्माण हुआ.
जगद्गुरु राघवाचार्य ने कहा कि 31 मई से 4 जून तक भगवान का महोत्सव होगा. विधि विधान के साथ मंदिर में भगवान की मूर्ति प्रतिष्ठित होगी. मंदिर बड़ा होने के कारण कुछ बड़ी मूर्तियों की भी स्थापना होगी. दक्षिण भारत से लगभग 28 विद्वान आ रहे हैं जो सारा कर्मकांड संपन्न कराएंगे.
एक जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पधार रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्घाटन किया जाएगा.वहीं जगद्गुरु राघवाचार्य ने कहा कि भगवान श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न चारों भाइयों का नामकरण का संस्करण गुरुदेव वशिष्ठ ने यही किया था. रामकोट एरिया राम जी का किला हुआ करता था. महर्षि वाल्मीकि ने जो लिखा है वाल्मीकि रामायण में यहीं वह स्थान है जहां वाल्मीकि ने चारों भाइयों का नामकरण किया था. इस नाते इसको राम सदन के नाम से जाना जाता है.
यह भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)