UP News: रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के मौके पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है. आसपास के जिलों के अलावा दूर-दराज से श्रद्धालु अपने गुरु के धाम पहुंच रहे हैं. सुबह से ही सरयू (Saryu) के तट पर श्रद्धालु स्नान पूजन कर रहे हैं और उसके बाद मठ व मंदिरों में जाकर अपने-अपने गुरुओं की पूजा करेंगे.  उसके बाद भव्य भंडारे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. बता दें कि गुरु-शिष्य की परंपरा त्रेता युग से चल रही है. माना जाता है कि भगवान राम के जन्म पहले से ही यह परंपरा अस्तित्व में थी और अभी भी इस परंपरा को राम नगरी में देखा जा सकता है. 


गुरु पूर्णिमा का इसलिए है खास महत्व


रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर व्यास की पूजा और व्यास की तिथि है. आज शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और गुरु से आशीर्वाद लेते हैं. आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि धार्मिक मान्यता है कि गुरु की बात मानने वाले शिष्य को मुक्ति का संशय नहीं रहता. आज के दिन लोग आश्रम में जाकर अपने गुरुओं की पूजा करते हैं. गुरु की कृपा पूरी तरह शिष्य को मिले और शिष्य का कल्याण हो इसलिए गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है.


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कोरोना के बाद इस साल जुटी है भीड़


घाट पुरोहित रामाधार पांडे ने कहा कि पिछले दो साल तक करोना काल में यहां भीड़-भाड़ नहीं थी. रामलला की कृपा से सब सही है और अब राम नगरी में श्रद्धालुओं का जमावड़ा है जबसे रामलला का भूमि पूजन हुआ श्रद्धालुओं की अपार भीड़ पहुंच रही है. गुरु पूर्णिमा के मौके पर सुबह 3:00 बजे से ही स्नान शुरू हुआ है. श्रद्धालु स्नान करने के बाद गोदान कर रहे हैं और राम जन्म भूमि, नागेश्वरनाथ और हनुमानगढ़ी का दर्शन पूजन कर रहे हैं.


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