Ayodhya Potter Families Demand From Yogi Government: माटी कला बोर्ड (Mati Kala Board) के गठन से भले ही माटी कला उद्योग को बढ़ावा मिला है, इससे कुम्हारों (Potters) के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूती भी मिली है. लेकिन अयोध्या (Ayodhya) के कुम्हार परिवार (Potter Families) चाहते हैं कि दीपोत्सव (Deepotsav) में उनके बनाए दीपक ही इस्तेमाल किए जाएं क्योंकि इसमें अयोध्या की माटी और सरयू (Saryu) का जल मिला है. जबकि, मशीनों के बने जो दीपक बाहर से मंगाए जाते हैं उसकी मिट्टी में केमिकल के साथ कई तरह की मिलावट होती है इसलिए यूपी सरकार (UP Government) उन्हें पहले से दीपोत्सव के लिए दीपों का ऑर्डर दे, जिससे अयोध्या का बना दीपक जले और यहां के कुम्हार परिवारों में खुशहाली आए. 


खुशहाल होंगे अयोध्या के कुम्हार परिवार 
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के साथ ही 2017 में अयोध्या के राम की पैड़ी पर दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. उस समय लगभग एक लाख 80 हजार दीपक जलाए गए थे. इसी तरह 2018 में 3,01,152 , 2019 में 5,50,000, 2020 में 5,51,000 और अब 2021 में जब योगी सरकार के कार्यकाल का अंतिम वर्ष है तो पिछले सारे रिकार्डो को तोड़ते हुए 7,51,000 दीपक जलाने का लक्ष्य है. ऐसे में अयोध्या के कुम्हार परिवार चाहते है कि अयोध्या के बने दीपक का ही दीपोत्सव में प्रयोग किया जाए क्योंकि ये ना सिर्फ शुद्ध होते हैं बल्कि इनके प्रयोग से अयोध्या के कुम्हार परिवार भी खुशहाल होंगे. 


बाहरी मिट्टी में मिलावट होती है
अयोध्या के कुम्हार रामदेव प्रजापति कहते हैं कि जो बाहरी मिट्टी आती है उसमें मिलावट होती है, केमिकल पड़ा होता है. अयोध्या की जो मिट्टी है वो शुद्ध है, इसमें कोई मिलावट नहीं, सरयू जी का जल है. केवल मिट्टी है इसमें किसी चीज की मिलावट नहीं होती है. हमारी मांग है कि हमारा बनाया हुआ दीपक जले, जो सामान लगे वो अयोध्या पुरी का लगे, राम की नगरी का. ये उत्तम है और यही हमारी मांग है. 


सरकार समय रहते ऑर्डर दे
बता दें कि, अयोध्या के कुम्हार टोला में लगभग 500 लोग रहते हैं और अधिकतर मिट्टी के बने सामानों का निर्माण कर अपनी जीविका चलाते हैं. पिछले साल 2020 में दीपोत्सव के समय बड़ी संख्या में दीपक बाहर से मंगाए गए थे, जो मशीनों के जरिए निर्मित थे. अंतिम समय में कुछ दीपक 2 दिन पहले अयोध्या के स्थानीय कुम्हार परिवारों से खरीदे गए थे. इसीलिए इस बार अयोध्या के कुम्हार परिवार पहले से मांग उठा रहे हैं कि उन्हें सरकार समय रहते अपना ऑर्डर दे, जिससे वो बिगड़ते मौसम के बीच दीपक तैयार कर सकें. अंतिम समय में जब ऑर्डर दिया जाता है तो उनके पास दीपक तैयार करने के लिए ना तो समय होता है और ना ही संसाधन. अब देखना ये है कि योगी सरकार स्थानीय कुम्हार परिवारों से दीपक खरीदने के लिए कब ऑर्डर देती है और कितनी संख्या में दीपक इनसे खरीदने को लेकर निर्णय होता है.  


एक से डेढ़ महीना पहले ऑर्डर दिया जाए
अयोध्या के कुम्हार शिवप्रसाद प्रजापति का कहना है कि सरकार से यही मांग है कि हम लोगों को कम से कम एक से डेढ़ महीना पहले ऑर्डर दिया जाए. जब 10 दिन रह जाएगा दीपावली में तो हम लोग कैसे दीपक बनाएंगे. एक तो बारिश का महीना है, बहुत समस्या है. हम लोगों के सामय से ईंधन जुटाना पड़ता है, सबकुछ लाना पड़ता है. सरकार हमारे लिए सोचती है लेकिन समय तो चाहिए. कितना दीपक बनाना है, हम लोग तैयार करके रख देंगे, कैसे भी करके धूप में या कहीं भी. अब बाहर से आएगा तो सरकार के ऊपर है कहीं से मंगाए. यहां की मिट्टी बहुत शुद्ध मिट्टी है. खेत की मिट्टी है, इसमें कोई मिलावट नहीं होती.



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