अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह स्थित उस स्थान को आज चिन्हित कर लिया गया और वंहा एक पूजित स्तम्भ गाड़ दिया गया है. यह वही स्थान होगा जहां पर भगवान श्री राम विराजमान होंगे. सोमवार की सुबह इस विशेष स्थान पर विशेष पूजा का आयोजन हुआ यह पूजा गर्भगृह के उस स्थान पर हुई जिसको अभी तक खाली छोड़ा गया था और उसकी भराई नहीं हुई थी. वैदिक ब्राह्मणों द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में कराई गई पूजा में कई वैदिक ब्राह्मण शामिल हुए जिन्होंने पूरे विधि विधान से यह विशेष पूजा कराई.
वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा कराई गई इस विशेष पूजा के दौरान वह सभी पूजित सामान गर्भगृह के इसी स्थान पर भूमि के अंदर डाला गया. इसमें सोने चांदी समेत वह बहुमूल्य वस्तुएं भी शामिल थी जिसे लोगों ने राम जन्मभूमि मंदिर की नींव में डालने के लिए सौपा था.
विशेष पूजा का महत्व क्या है इसको इसी से समझ सकते है कि इसमे शामिल होने के लिए संघ कार्यवाह भैया जी जोशी अयोध्या पहुंचे और इस विशेष पूजा में भाग लिया. भैया जी जोशी के अलावा इस पूजा में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अलावा ट्रस्टी अनिल मिश्र और निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास भी शामिल रहे.
इस विशेष पूजा में नवग्रह पूजा के साथ मंदिर निर्माण में विध्न बाधा दूर करने के लिए विशेष आराधना शामिल थी. पूजा का यह वही विशेष स्थान है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण शुरू होने के पहले पूजा अर्चना की थी.
आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं अगर मुझे एक भी संदेशा ट्रस्ट की तरफ से मिलता तो मैं रामलला का मुख्य पुजारी होने के नाते इस पूजा में जरूर शामिल होता लेकिन दुख की बात है कि मुझे इस पूजा में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया.
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