मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
वाम दल ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है.
माकपा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और प्रत्येक व्यक्ति के अपनी आस्था को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है. धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए. निमंत्रण मिलने के बावजूद कॉमरेड सीताराम येचुरी समारोह में शामिल नहीं होंगे.’’
वाम दल के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है.
पार्टी ने कहा, ‘‘माकपा की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने और प्रत्येक व्यक्ति के अपनी आस्था को आगे बढ़ाने के अधिकार की रक्षा करने की रही है. उसका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का विषय है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए.’’
इस नेता ने भी किया इनकार
बयान में कहा गया है कि यह ‘‘सबसे दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक धार्मिक समारोह को राज्य प्रायोजित कार्यक्रम में बदल दिया है, जिसमें सीधे प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारी शामिल हो रहे हैं.
राम मंदिर मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह पर सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने कहा कि हम धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं, लेकिन एक राजनीतिक दल के रूप में हम धार्मिक आयोजनों से अपनी दूरी बनाए रखते हैं. उन्होंने कहा कि सीपीआई (एम) महासचिव को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है. सीपीआई (एम) समारोह में शामिल नहीं होगी.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी से संभल के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी इस कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि वहां मस्जिद थी और जबर्दस्ती सरकार वहां मंदिर बनवा रही है.