Ayodhya News: अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह को गंगाजल (Ganga Water) से धोने के लिए गंगाजल से भरे 108 कलश सौंपे गए हैं. यह गंगाजल हरिद्वार (Haridwar) के पवित्र हर की पैड़ी के ब्रह्मकुंड से लाया गया है. दिल्ली (Delhi) की एक सामाजिक संस्था इंद्रप्रस्थ संजीवनी के 108 कार्यकर्ताओं ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट को ये कलश सौंपा इस गंगा जल का इस्तेमाल मंदिर के चारों तरफ छिड़काव और गर्भगृह को पवित्र करने के लिए किया जाएगा.
हरिद्वार से 108 कुंडों में गंगाजल लेकर पहुंचे इन लोगों की आकांक्षा है कि उनके द्वारा लाए गए जल का उपयोग मंदिर के निर्माण कार्य की सामग्री में किया जाए. मंदिर के चारों तरफ छिड़काव किया जाए. गर्भगृह को पवित्र करने में उपयोग किया जाए इसलिए इसे पूरी श्रद्धा के साथ श्री राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपा गया. इस बारे में बात करते हुए गंगाजल दल के अध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने कहा कि ये एक सामाजिक संस्था है, उसके माध्यम से 108 गंगाडल के कलश लेकर आए हैं. ये जल हरिद्वार के ब्रह्मकुंड का जल है.
गंगाजल से राम मंदिर को किया जाएगा पवित्र
संजीव अरोड़ा ने कहा, हमारी कामना है कि जो मंदिर निर्माण बहुत तेजी से हो रहा है. इसकी श्रद्धा और पवित्रता और बढ़े जिस तरह अपने घर का निर्माण करते हैं और फिर गंगाजल से पूजा करते हैं और पवित्र करते हैं तो मैं यह चाहता हूं कि जो मंदिर की दीवारें बन रही है जो मिट्टी लग रही हैं सीमेंट लग रहा है उसके अंदर इस गंगा जल का इस्तेमाल किया जाए और इसकी पवित्रता और बढ़े, जिससे लोगों में संदेश भी जाए. आज हम पैदल चलकर आए हैं. 108 कलश लेकर के आए हैं हम राम मंदिर प्रशासन को समर्पित कर रहे हैं और ट्रस्ट के जो भी पदाधिकारी हैं चंपत राय और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हैं.
108 कलश पहुंचे अयोध्या
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ से ट्रस्ट का मानना है कि राम जन्मभूमि को वैसे तो पवित्र करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर गंगाजल को छिड़केंगे तो स्वाभाविक तौर पर वहां की शक्ति बढ़ेगी. यही सोचकर मंदिर ट्रस्ट गंगाजल को स्वीकार कर रहा है. ये जय श्री राम जी और गंगा जी का पवित्र मिलन भी है. ट्रस्ट के निरीक्षक गोपाल जी ने कहा, हम मानते हैं राम जन्मभूमि को पवित्र करने की कोई आवश्यकता नहीं, गंगाजल तो पवित्र होता है. उससे अगर इसको छिड़केंगे तो स्वाभाविक रूप से शक्ति बढ़ती है. यही मानकर गंगाजल स्वीकार किया जा रहा है.
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