Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर में कब तक पूरा होगा फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर का काम? आया बड़ा अपडेट, ये है डेडलाइन
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब फिर से राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसको लेकर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अहम जानकारी दी है.
अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब वहां बचे बाकी निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं. यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने दी.
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "मंदिर में अब निर्माण कार्य पुन: शुरू होना है. जो परिक्रमा की दीवार है उस कार्य को भी पूरा किया जाएगा.प्रथम और द्वितीय तल पर राजा राम का दरबार होगा. उस कार्य को तत्काल प्रारंभ किया जाएगा जो वर्ष 2024 में दिसंबर तक पूर्ण होगा."
उन्होंने कहा कि एक बार फिर से मंदिर में निर्माण कार्य शुरू हो रहा है. परकोटा का काम पूरा होना है, 795 मीटर की परिक्रमा दीवार का काम पूरा होगा. इसके अलावा मंदिर के निचले चबूतरे पर आइकनाग्रफी का काम भी शुरू किया जाएगा.
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मंदिर के पहले और सेकेंड फ्लोर के काम पर जानकारी देते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि पहली और दूसरी मंजिल पर राजा राम के दरबार का काम अब तुरंत शुरू किया जाएगा. यह दिसंबर 2024 में पूरा हो जाएगा.'
दिन में 6 बार होगी आरती
राम मंदिर, जिसे अब 'बालक राम मंदिर' के नाम से जाना जाता है, में दिन में छह बार 'आरती' की जाएगी. सोमवार को भगवान के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद उनकी पूजा और आरती में भी बदलाव होने जा रहा है. पूरी विधि को व्यवस्थित कर दिया गया है.
राम लला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा, ''अब 24 घंटे के आठों पहर रामलला की अष्टयाम सेवा होगी. इसके अलावा छह बार आरती की जाएगी. आरती में शामिल होने के लिए पास जारी किये जायेंगे. अब तक रामलला विराजमान की दो आरती हो चुकी है.'' उन्होंने कहा कि अब आरतियों में मंगला, श्रृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या और शयन आरती शामिल होंगी.
मंगला आरती भगवान को जगाने के लिए होती है. श्रृंगार आरती में भगवान का श्रृंगार किया जाएगा. भोग आरती में पूड़ी-सब्जी-खीर का भोग लगाया जाएगा. रामलला पर लगी बुरी नजर को दूर करने के लिए उत्थापन आरती की जाती है. शाम को संध्या आरती की जाती है और फिर भगवान को शयन कराने से पहले शयन आरती की जाती है.
रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के अलावा दोपहर में हर घंटे दूध, फल और पेड़े का भी भोग लगाया जाएगा. रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला और रविवार को गुलाबी वस्त्र धारण करेंगे. विशेष दिनों में भगवान पीले वस्त्र धारण करेंगे.