Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोजाना दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. इस बीच राम मंदिर निर्माण के दूसरे चरण का काम भी तेजी से किया जा रहा हैं. इसमें  प्रथम तल का काम तो लगभग पूरा हो गया है लेकिन द्वितीय दल का कार्य 50 फीसद तक पूरा हो गया है. श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में मंदिर परिसर में निर्माण कार्य पर 850 करोड़ रुपये खर्च होने है. 


राम मंदिर परिसर में अभी परकोटा समेत सात ऋषियों-मुनियों व छह देवी-देवताओं के मंदिरों को भी आकार दिया जा रहा है. ये सारा निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था लार्सन  एंड टुब्रो कंपनी के द्वारा कराया जा रहा है. ट्रस्ट ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 850 करोड़ रुपये विविध मदों में व्यय करने की तैयारी है. 


मंदिर निर्माण में 850 करोड़ का खर्च
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसे लेकर हाल ही में वित्तीय वर्ष 2023-34 का लेखा-जोखा सार्वजनिक किया था, जिसमें आधारभूत संरचना के विकास व राजस्व मदों में हुए सारे खर्च को मिलाकर कुल 1800 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. उन्होंने बताया कि इस साल कुल वास्तविक खर्च 776 करोड़ रुपये रहा. जिनमें 540 करोड़ रुपये मंदिर निर्माण और 236 करोड़ रुपये अन्य पर किया गया, इसमें प्राण प्रतिष्ठा में खर्च की गई राशि भी शामिल है. 


चंपत राय ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंदिर निर्माण के कार्य पर 850 करोड़ रुपये का खर्च होना है. इनमें 670 करोड़ रुपये मंदिर परिसर में बन रहे दूसरे मंदिरों पर लगाए जाने हैं तो वहीं 180 करोड़ रुपये परिसर के दूसरे कामों पर लगाए जाएंगे.


आपको बता दें कि राम मंदिर परिसर में इन दिनों मंदिर के दूसरे तल पर निर्माण कार्य चल रहा है. इसके साथ ही यहां सप्त मंडपम, छह देवी-देवताओं के मंदिर और परकोटे के काम हो रहा है. इसके लिए मंदिर परिसर में संग्रहालय, गेस्ट हाउस, सड़कें, पावर प्लांट समेत दूसरी जगहों पर काम हो रहा है. नई तिथि के अनुसार अगले साल जून तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. 


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