UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इसके साथ-साथ राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी भी जारी है. इस बीच राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर दिव्य और भव्य है, इसे खूबसूरती से बनाया जा रहा है. विशेष रूप से भूतल पर गर्भ गृह तैयार है और नक्काशी का काम चल रहा है.


सत्येंद्र दास ने आगे बताया कि खिड़कियों और द्वारों की स्थापना बाकी है. वहीं फर्श तैयार है. वे इसे इस तरह से बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई अन्य मंदिर इस मंदिर जितना सुंदर न हो. लोग देख सकेंगे कि 'त्रेता युग' कैसा था. यह तीन मंजिल का होगा और शीर्ष पर एक गुंबद होगा. तैयारियां अच्छी तरह से की जा रही हैं.



राम मंदिर ट्रस्ट तैयार कर रहा लोगों की सूची


गौरतलब है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के अभिषेक समारोह में आमंत्रित करने के लिए 2500 प्रमुख लोगों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें अगले जनवरी में अयोध्या में आमंत्रित किया जाएगा. इस सूची में खेल जगत के लोग, पूर्व सेना कर्मी और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के अलावा राम मंदिर आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार के सदस्य और देश के प्रमुख मंदिरों के प्रतिनिधि शामिल हैं.



4000 संतों को भी किया जाएगा आमंत्रित


सूची में अन्य लोगों के अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रमुख सदस्य भी शामिल होंगे, जिन्हें मेगा समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि ये आमंत्रित लोग देश भर के 4000 संतों के अलावा होंगे, जिन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा. इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सर्दियों की स्थिति के कारण अलग-अलग संप्रदायों के प्रमुखों से जनवरी के बजाय फरवरी में अयोध्या आने की अपील जारी की है, जब राम मंदिर का उद्घाटन समारोह होगा.


ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की है ये अपील


ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपील जारी कर संतों से ट्रस्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए तैनात विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया. राय ने संतों से कहा कि वे आयोजन स्थल पर अपने साथ धातु की कोई वस्तु न ले जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा कारणों से वाहनों को एक बिंदु से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और संतों को पैदल ही कार्यक्रम स्थल तक जाना होगा. उन्होंने कहा कि संतों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले लगभग तीन से चार घंटे तक इंतजार करना होगा.


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