अयोध्या। अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण के लिए पिलर्स की टेस्टिंग का कार्य जारी है. एलएंडटी और आईआईटी रुड़की बुनियाद के लिए अब तक निर्मित पिलर्स की टेस्टिंग का कार्य कर रही है. टेस्टिंग की प्रक्रिया अब समाप्त होने वाली है. निर्माण एजेंसियां इस बात की टेस्टिंग कर रही है कि जिन पिलर्स का निर्माण हुआ है. वह इसके ऊपर निर्माण होने वाले राम जन्मभूमि मंदिर का लोड उठाने में सक्षम है कि नहीं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी ने इस बारे में जानकारी दी.


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या केस का फैसला आने के बाद राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ था. श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए स्ट्रक्चर बनाने का पूरा कार्य एलएंडटी करेगी. वहीं, राम मंदिर की बुनियाद के लिए 1200 पिलर तैयार किए जाएंगे. जिस पर राम मंदिर के नक्शे के अनुरूप पूरा ढांचा खड़ा होगा. इसीलिए सबसे पहले तीन पिलर तैयार किए गए हैं.


इस तरह तैयार हो रहे पिलर
यह पिलर इस तरह तैयार किए जा रहे हैं. जैसे नदियों में पुल बनाते समय पिलर को बोर किया जाता है. पहले मशीन के जरिए एक गड्ढा खोदा जाएगा और उसमें टेस्ट किए गए पत्थर की गिट्टी और सीमेंट के साथ मोरंग का मिश्रण भरा जाएगा. इस पिलर में लोहे का प्रयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि लोहा जल्दी ही जंग पकड़ने लगता है.


चांदी की पट्टी से जोड़े जाएंगे पत्थर
राम मंदिर का निर्माण इस तरह किया जा रहा है कि 1000 साल से ज्यादा वक्त तक यह पूरी तरह सुरक्षित रहे. इसीलिए पिलर और मंदिर के स्ट्रक्चर में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा. यह बात अलग है कि बुनियाद स्ट्रक्चर के ऊपर तराशे गए पत्थरों के हिस्सों को आपस में जोड़ने के लिए चांदी की पट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा.


3 पिलर्स की हो रही टेस्टिंग
जो 3 पिलर अब तक तैयार किए गए हैं. वह राम मंदिर का लोड उठाने में सक्षम है या नहीं इसकी जांच एलएंडटी के अलावा आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नई कर रही है. टेस्टिंग की यह प्रक्रिया अब पूरी होने वाली है. जिसके बाद राम मंदिर के लिए बाकी पिलर्स का निर्माण शुरू होगा.


बाकी पिलर्स का भी होगा निर्माण
अगर सब कुछ ठीक रहा तो अब तक तैयार 3 पिलर्स के अलावा 1197 अन्य पिलर्स का निर्माण तेज गति से होगा. एक बार पिलर्स का निर्माण हो जाएगा तो उसके बाद बुनियाद का ढांचा तैयार होगा और राम मंदिर का कार्य आगे बढ़ेगा. बुनियाद के ऊपर जो पत्थर के पिलर और शिलाएं लगनी हैं, उनका काफी हिस्सा तराशा जा चुका है. अब उन्हें राम जन्मभूमि परिसर की अस्थाई कार्यशाला में स्थानांतरित किया जा रहा है. अब आगे पत्थरों के तराशने का कार्य इसी अस्थाई कार्यशाला में किया जाएगा.


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