Ram Mandir News: इस साल के अंत में पूरी तरह तैयार हो जाएगा अयोध्या का राम मंदिर.? हाईटेक होगी मंदिर सुरक्षा
Ayodhya News: राम मंदिर का निर्माण कार्य साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, बताया गया कि साज-सज्जा का साल 2025 में भी चलता रहेगा. साल के अंत में राम मंदिर का मॉडल जमीन पर दिखाई देगा.
Ram Mandir News: अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर इसी वर्ष 2024 के अंत तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, हालांकि साज- सज्जा का काम 2025 में भी चलता रहेगा. वही श्री राम जन्मभूमि परिसर में निर्माण हो रहा परकोटा और शेष 6 मंदिरों के साथ साथ भीतर के मार्ग यात्री सुविधा केंद्र समेत समस्त निर्माण कार्य 2025 में पूरे हो जाएंगे. इस तरह श्री राम जन्मभूमि मंदिर का पूरा मॉडल भले ही 2024 में दिखाई देगा, लेकिन सभी निर्माण कार्य 2025 तक पूरे होंगे. वहीं सुरक्षा की बात करें तो मंदिर मार्ग और भीतर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ऐसे आधुनिक कैमरे लगाए जा रहे, जो लोगों के चेहरे और हो भाव से उनके इरादों का पता लगा लेंगे.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए तैयार किया गया माडल जमीन पर 2024 के अंत तक निर्माण की शक्ल में दिखाई देने लगेगा, हालांकि उसमें फिनिशिंग का कार्य 2025 में भी जारी रहेगा इसी तरह मंदिर के चारों तरफ निर्माण हो रहा परकोटा हो यह समरसता के प्रतीक अन्य 6 मंदिर का निर्माण कार्य या फिर मार्ग समेत श्रद्धालुओं की सभी बुनियादी सुविधाओं का विकास इसमें काफी कुछ 2024 में पूर्णता के करीब तो पहुंच जाएगा लेकिन पूरी तरह पूर्ण 2025 में ही होगा.
साल के अंत तक पूरा हो जाएगा काम
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के मुताबिक 2024 में मंदिर का काम तो लगभग पूरा हो जाएगा, परकोटे का काम भी अधिकाधिक मात्रा में पूरा हो जाएगा. 2025 में यथाशीघ्र परकोटा फिनिश हो जाएगा, ज्यादा तो काम पूर्ण होना एक विषय है, फिनिशिंग होना दूसरा विषय है तो परकोटा फिनिश होकर के 2025 में तैयार हो जाएगा. परिसर के अंदर जो मार्ग हैं चाहे वह परिसर के अंदर चाहे भाग एक का मार्ग हो, चाहे भाग 2 का मार्ग हो, दोनों मार्गों की तैयारी हो जाएगी.
उस पर प्रकाश व्यवस्था हो जाएगी जैसे अभी हमने कुबेर टीला तैयार कर लिया है लेकिन उसका संपर्क मार्ग नहीं बना है संपर्क मार्ग बंद है कोई जा नहीं सकता है. कुबेर टीला तैयार है संपर्क मार्ग बनते ही लोग वहां जा सकेंगे, वहां दर्शन कर सकेंगे, ऐसे ही सप्त मंडप बना रहे हैं उन मंडपम में जाने के लिए उसका काम शुरू होने वाला है. ज्यादा से ज्यादा एक दो महीने में काम उसका शुरू हो जाएगा. उसकी डिजाइन अप्रूव हो गई है तो शुरू होगा वह भी पूरा हो जाएगा एक साल के अंदर वहां भी जाने के लिए मार्ग चाहिए ऐसे सभी मार्गों की रचना मंदिर और परकोटे के निर्माण के साथ विधिवत रूप से संपन्न हो सके इस बात की भी तैयारी हुई है.
हाईटेक होगी राम मंदिर की सुरक्षा
अनिल मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रख करके एफ आर सिस्टम फेस रिकॉग्निशन सिस्टम भी सब जगह सक्रिय होकर के ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं. जिससे आने वाले जितने भी लोग हैं उनके बैग का रिकॉग्निशन हो सके और पहचान हो सके. श्रद्धालु के बीच में कोई इस प्रकार का व्यक्ति अगर आता है तो उसकी पहचान कंट्रोल रूम में बैठा हुआ व्यक्ति कर सकता है. वह हमारा जो कैमरा है वह इंडिकेशन देना प्रारंभ करेगा, ऐसे सॉफ्टवेयर भी लगाए जा रहे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक पहलुओं पर विचार करने से लिए प्रशासन और ट्रस्ट मिलकर के हर पहलू को विचार कर रहा है. हमारे ट्रस्ट के सलाहकार डीजी रहे सीआरपीएफ में के के शर्मा का आना हुआ था. उन्होंने प्रशासन के साथ इन विषयों पर बैठकर के चर्चा किया है जो सुझाए गए उपाय हैं उसको ट्रस्ट उठा रहा है.
राम नवमीं को होगा रामलला का सूर्य तिलक
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में इस तरह व्यवस्था की जा रही है कि रामनवमी के दिन भक्तों को रामलला के अद्भुत दर्शन मिले खगोल वैज्ञानिकों की मदद से ऐसी तकनीक पर काम चल रहा है जिसके जरिए रामनवमी के सूर्य की किरणे डायवर्ट होकर सीधे रामलला के ललाट पर पड़े, जब ऐसा होगा तो सफेद संगमरमर से बने गर्भ गृह में श्यामल मूर्ति का प्रतिबिंब और चबूतरे पर लगे नव रत्न से निकलती रोशनी ऐसा आभामंडल उत्पन्न करेंगे. जो राम भक्तों के लिए अविस्मरणीय होगा. इस पर सीबीआरआई रुड़की निर्माण एजेंसी टाटा और एलएनटी के साथ मिलकर काम कर रही है. हालांकि आने वाली रामनवमी को क्या राम भक्तों को ऐसा दृश्य देखने को मिलेगा इस पर निर्माण समिति की अगली बैठक में सीबीआरआई रुड़की के द्वारा दिए जाने वाले प्रेजेंटेशन के बाद ही स्पष्ट होगा .
अनिल मिश्रा ने आगे कहा कि सीबीआरआई रुड़की के लोग इस काम को कर रहे हैं काफी काम उन्होंने किया है निर्माण के अनुसार यह काम आगे बढ़ेगा प्रथम तल के निर्माण की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आकलन किया है और वह टाटा और एलएनटी के साथ मिलकर के बात करेंगे कैसे इसको अब की चैत्र रामनवमी में कितना स्वरूप पूरा करके दिखाया जा सकता है कि नहीं दिखाया जा सकता है यह अगली बैठक में वह सबके सामने रखेंगे .
श्रद्धालुओं को इन सुविधाओं का मिलेगा लाभ
जन्मभूमि पथ पर प्रवेश के साथ ही ऐसा विशाल यात्री सुविधा केंद्र श्री राम मंदिर ट्रस्ट विकसित कर रहा है, जहां एक छत के नीचे ही दर्शन करने वाले शद्धालुओं को सभी सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी. वह चाहे बुनियादी जरूरत की सुविधा हो यह फिर व्हीलचेयर और स्वास्थ्य संबंधी सेवा हो यानि एक बार श्रद्धालु यहां पहुंच गया तो चाहे दर्शन से सबंधी पास हो या फिर कोई और आवश्यकता सब की पूर्ति यही हो जाएगी .
अनिल मिश्रा ने कहा कि चाहे श्रद्धालुओं की सुविधा की बात तो पानी पीने की हो बैठने की हो सुरक्षा की हो मंदिर से संबंधित सभी प्रकार की व्यवस्थाएं ट्रस्ट यथाशीघ्र पूरा करके करना चाहता है. जहां हम बैठे हैं तीर्थ यात्री सेवा केंद्र बन करके तैयार हो रहा है इस पर यह काउंटर शुरू हो रहे हैं. यहां पर चिकित्सा की व्यवस्था रहेगी. यहां एक एंबुलेंस रहेगी चिकित्सक यहां बैठेंगे सेवा करेंगे 40 शौचालय यहां बनाए जा रहे हैं. यात्री सेवा केंद्र सुग्रीव किला पर ऐसे काउंटर रहेंगे जहां पर पास बनेगा, दान काउंटर रहेगा, व्हीलचेयर यहां पर उपलब्ध होगी, पानी पीने की सुविधा रहेगी, 1000 लोगों की बैठने की सुविधा रहेगी. इसके अलावा यहां पर पब्लिक रिलेशन केंद्र भी रहेगा जो लोगों से संपर्क का केंद्र भी रहेगा.
संदिग्ध गतिविधि पर बजेगा अलार्म
सुरक्षा श्री राम जन्मभूमि मंदिर राम भक्तों के लिए जितना आस्था का केंद्र है उतना ही देशद्रोही तत्वों के लिए देश में अराजकता फैलाने का टारगेट भी रहेगा. इसलिए सीआरपीएफ के डीजी रह चुके के के शर्मा को सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों और अयोध्या पुलिस के साथ श्री राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा को लेकर लंबी मत्रणा की. यही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं.
जो दर्शनार्थियों द्वारा रखे गए सामानों को ही नहीं बल्कि उनकी गतिविधियों और चेहरे के भाव को भी रीड करेंगे. इसकी फीड श्री राम जन्मभूमि परिसर में बनाए गए कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराते रहेंगे. यही नहीं संदिग्ध गतिविधियां देखते ही यह कैमरे साफ्टवेयर के जरिए फीड के साथ कंट्रोल रूम को एक सिग्नल भेजेंगे जिससे वहां खतरे का अलार्म बज जाएगा. ऐसी किसी परिस्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम हमेशा तैयार रहेगी.
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