Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे और खिड़की में इस्तेमाल होने वाली चांदी को काशीमठ के हरिद्वार पीठ की तरफ से समर्पित कर दिया गया है. हरिद्वार काशी मठ के उत्तराधिकारी स्वामी संयमेंद्र महाराज ने 167.4 किलोग्राम चांदी और 47.8 ग्राम सोना रामलला के चरणों में समर्पित किया.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भ गृह के दरवाजे और खिड़कियों में चांदी का उपयोग होगा. हरिद्वार काशीमठ की ओर से रामलला के चरणों में जो चांदी समर्पित की गई है उसका इस्तेमाल इन्हीं दरवाजों और खिड़कियों में किया जाएगा. जबकि सोने का उपयोग रामलला के आभूषणों और माला के लिए किया जाएगा. इस दौरान काशीमठ के हरिद्वार पीठ के उत्तराधिकारी संयमेंद्र महाराज ने राम जन्मभूमि परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों और नव निर्माणाधीन मंदिर के इंजीनियरों और कारीगरों को भी डिब्बे में बंद प्रसाद भी वितरित किया.
500 किलो से अधिक चांदी मिल चुकी है दान
दरअसल रामभक्तों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पहले भी 500 किलो से अधिक चांदी दान में दी है. बताया जाता है कि इनका भी प्रयोग रामलला के मंदिर के प्रथम तल में होगा. रामलला जिस सिंहासन पर विराजमान होंगे उसकी ऊंचाई लगभग 3 फिट से अधिक होगी इसपर भी चांदी की कारीगरी की जाएगी जबकि रामलला का मुकुट सोने का होगा. अब जबकि रामलला के अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने में एक वर्ष का ही समय बचा है तो दान में सोने और चांदी का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है.
दरअसल रामभक्तों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पहले भी 500 किलो से अधिक चांदी दान में दी है. बताया जाता है कि इनका भी प्रयोग रामलला के मंदिर के प्रथम तल में होगा. रामलला जिस सिंहासन पर विराजमान होंगे उसकी ऊंचाई लगभग 3 फिट से अधिक होगी इसपर भी चांदी की कारीगरी की जाएगी जबकि रामलला का मुकुट सोने का होगा. अब जबकि रामलला के अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने में एक वर्ष का ही समय बचा है तो दान में सोने और चांदी का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय ने कहा कि काशी मठ संस्थान के उत्तराधिकारी स्वामी संयमेंद्र महाराज अपने भक्तों शिष्यों के साथ राम जन्मभूमि दर्शन करने के लिए पधारे हैं. उन्होंने अपने संस्थान की तरफ से 167.4 किलोग्राम चांदी और 47.8 ग्राम सोना रामलला के चरणों में समर्पित किया है. इसके अलावा परिसर की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षाकर्मियों और मंदिर निर्माण में लगे सभी कारीगरों को प्रसाद रूप में एक डिब्बा भेंट किया है.